नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रम्प को पीछे छोड़ते हुए कन्हैया कुमार का सोशल मीडिया पर वर्ल्डवाइड ट्रेंड कर जाने के कुछ तो मायने हैं.
नौकरशाही डेस्क
कन्हैया जेल से जमानत पर रिहा कर दिये गये. उन पर केंद्र सरकार ने देश से बगावत का इल्जाम लगाया था. कन्हैया के तिहाड़ से निकलते ही जहां जेएनयू समेत पूरे देश में जश्न का माहौल था वहीं गुरूवार रात होते- होते सोशल मीडिया में हैशटैग कन्हैया कुमार वर्ल्डवाइड ट्रेंड करने लगा.
खास बात यह है कि अमेरिका में उभरते हुए नेता डोनाल्ड ट्रम्प तो ट्रेंड में पीछ छूट ही गये, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का संसद में जोर शोर से दिया गया बजट सत्र का भाषण भी ट्रेंडिंग में पीछे छूट गया.
कन्हैया कुमार की जमानत पर रहिाई की खबर फैलते ही सोशल मीडिया में लाखों लोगो ने अपनी प्रतिक्रिया और कन्हैया के समर्थन में कमेंट करने लगे. भारत का मेनस्ट्रीम मीडिया, सोशल मीडिया के इस रौ को भांपते हुए मजबूर हुआ और तमाम चैनलों ने अपनी टीम जेएनयू भेज दी जहां कन्हैया की रिहाई का जश्न चल रहा था. इस अवसर पर कन्हैया ने एक घंटे की स्पीच दी और फिर वही नारे लगाये जिन नारों को फेरबदल कर टीवी चैनलों ने देश को सुनाया था- संघवाद से आजादी, मनुवाद से आजादी, मोदी राज से … हम ले के रहेंगे आजादी.
इस भाषण के दौरान कन्हैया ने स्पष्ट किया कि देश के संविधान में उनका पूरा भरोसा है. उन्हें भारत से आजादी नहीं, बल्कि भारत में आजादी चाहिए.
कन्हैया का जेएनयू में दिया गया यह भाषण हजारों की संख्या में लोग शेयर कर रहे हैं. सोशल मीडिया में जो प्रतिक्रियायें आ रही हैं उसमें अधिकतर लोगों का मानना है कि आरएस, संघवाद, साम्प्रदायिकता, कार्पोरेटवाद के विरोध के प्रतीक के रूप में कन्हैया कुमार नामक युवा मिल गया है.