दलितों संगठनों द्वारा आयोजित और राजद व वामपंथी संगठनों के समर्थन  से किये जा रहे बंद का देशव्यापी असर के कारण मोदी सरकार अप्रत्याशित दबाव में है. बिहार में बंद समर्थकों का हुजूम पटना के तमाम मुख्यमार्गों पर उतड़ पड़ा है तो उधर देश के अन्य हिस्सों में भी बंद  है. जबकि  मध्यप्रदेश में बंद के दौरान एक व्यक्ति की मृत्यु की खबर है.

मध्यप्रदेश के मोरेना में भड़की हिंसा में एक व्यक्ति की मौत होने के बाद मोरेना और ग्वालियर के कुछ हिस्सों में कर्फ्यु भी लगाना पड़ा है. जबकि राजस्थान के बाड़मेड़ में भी हिंसा की खबरें हैं.

उधर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बंद समर्थकों से अपील की है कि वे किसी बहकावे में ना आयें.

गौरतलब है कि यह बंद एससी एसटी उत्पीड़न अधिनियम में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बदलाव के विरोध में किया गया है.  सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि दलित उत्पीड़न के तहत मामला दर्ज करने पर अब आटोमेटिक गिरफ्तारी नहीं की जा सकती. जबकि इस मामले में एफआईआआर दर्ज करने के लिए जिला के एसपी द्वारा सत्यापन जरूरी होगा.

दलित संगठनों ने इस फैसले को दलित विरोधी मानाते हुए देश भर में बंद का आह्वान किया है. जालंधर, अमृतसर में अनेक संगठोनों के कार्यर्ता तलवार के साथ सड़कों पर उतर पड़े तो बिहार के विभिन्न हिस्सों में नीले झंडे और लाठियों के सहारे बंद कराया गया. पटना में पीएमसीएच के समीप बंदसमर्थकों ने जबरन दुकानें बंद कराने की कोशिश की तो कई जगह आटो चालकों की गाडियों पर लाठिया बरसाई गयीं.

बंद के समर्थक दलितों का दुश्मन मोदी और भाजपा के दलित सांसद दलाल हैं के नारे लगा रहे थे.

पटना के मुख्य चौराहों और सड़कों पर हजारों की संख्या में छात्र सड़कों पर उतर पड़े हैं. इन में दलित संगठन से जुड़े छात्रों के अलावा आईसा व अन्य छात्र संगठन भी शामिल हैं. जबकि राजद नेता तेजस्वी यादव ने घोषणा की थी कि उनके सभी 80 विधायक बंद के समर्थन में सड़कों पर उतरे हैं.

By Editor


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