मोदी सरकार के इस साम्प्रदायिक फैसले पर सोशल मीडिया में ऐसा कोहराम मचा कि बजरंग दल के इस बलवाई के खिलाफ रासुका हटाने की खबर सोशल मीडिया पर टॉप ट्रेंड कर गयी है. विवेक प्रेमी नामक इस उत्पाती पर मुस्लिम युवक के चेहरे पर कालीख पोत कर पीटने का आरोप है.
नौकरशाही न्यूज
बजरंग दल का कथित बलवाई विवेक प्रेमी पर से नेशनल सेक्युरिटी एक्ट (एनएसए) हटाने की खबर सोशल मीडिया पर टॉप ट्रेंड कर रही है.
बजरंग दल का जिला कंवेनर विवेक प्रेमी ने पिछले सल एक मुस्लिम युववक के चेहरे पर कालिख पोत कर यूपी के शामली में भरे बाजार में पीटते हुए घुमाया था. तब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर छा गया था. इसके बाद मुजफ्फरनगर प्रशासन ने उसके खिलाफ रासुका लगाते हुए अरेस्ट करके जेल भेज दिया था. वह पिछले साल से जेल में है. उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वार उस पर रासुका लागू किया गया था. लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वार रासुका हटाने संबंधी फरमान जारी कर दिये जाने के बाद उसे अब बेल मिल जायेगा.
कई लोग केंद्र सरकार के द्वार राज्य के कानून व्यवस्था के मामले में हस्तक्षेप के रूप में देख रहे हैं.
मोदी सरकार द्वारा इस उत्पाती और बलवाई मानसिकता के बजरंग दल के नेता के पक्ष में केंद्र सरकार के खड़े हो जाने पर फेसबुक और ट्वीटर पर केंद्र पर साम्प्रदायिक शक्तियों के पक्ष में खड़े होने का आरोप लग रहा है. फेसबुक पर हजारों लोगों ने इस फैसले का विरोध जताना शुरू कर दिया है. विरोध की तीव्रता के चलते यह खबर फेसबुक और ट्वीटर पर शुक्रवार को टॉप ट्रेंड करने लगी है.
सोशल मीडिया में प्रतिक्रिया
अरविंद रामानुजम ने लिखा है कि हनुमान को लंका की सड़क पर रावण ने पीट पीट कर परेड कराया था लेकिन लेकिन लंका विजय के बाद हनुमान को इसकी इजाजत नहीं दी गयी कि वह रावण के साथ ऐसा व्यवहार करे. मोहम्मद तहसीन ने लिखा है कि मोदी सरकार का यह फैसला मुझे विचलित कर रहा है. क्या यही सुशासन है?
अम्बुज अग्राल ने लिखा है कि पहले भाजपा सरकार साम्प्रदायिक उन्माद खड़ा करवाती है. फिर हिंदूवादी संगठन राज्य सरकार पर कानून और व्यवस्था की नाकामी का आरोप लगाते हैं. कामरान खान ने इसे डार्क साइड ऑफ बनाना रिपब्लिक कहा है.
तारिक महमूद ने लिखा है कि आरएसए के आतंकी संगठन इसी तरह भाजपा सरकार पर नियंत्रण रखते हैं.
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