केंद्र की नयी सरकार ने वित्त सचिव अरविंद माया राम को आकाश से पाताल पर पहुंचाने के अपने मिशन को महज 15 दिनों में दूसरी बार आगे बढ़ा दिया है.
देश के सबसे सशक्त मंत्रालयों में से एक वित्त मंत्रालय के सचिव पद से उन्हें 15 अक्टूबर को हटाते हुए पहले पर्यटन मंत्रालय में सचिव बनया गया. लेकिन केंद्र सरकार को शायद लगा कि अरविंद माया राम अब भी कुछ हद तक हाई प्रोफाइल मंत्रालय में हैं. अब सरकार ने अपने 15 अक्टूबर के आदेश को रद्द करते हुए 29 अक्टूबर को देर शाम एक नया आदेश जारी करते हुए माया राम को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का सचिव पद तत्काल प्रभाव से संभालने का आदेश दे दिया है. मायाराम 1978 बैच के राजस्थान कैडर के आईएएस अफसर हैं.
अल्पसंख्यक मंत्रालय लोप्रोफाइल मंत्रालय समझा जाता है.
गौरतलब है कि यह फैसला कैबिनेट की नियुक्ति संबंदी कमेटी ने किया है. प्रदान मंत्री इस कमेटी की प्रमुख होते हैं.
माया राम को 31 अक्टूबर तक अल्पसंख्यक मामला मंत्रालय में अपनी सेवा देने को कहा गया है. जबकि राजस्तान कैडर के 1979 बैच के आईएएस ललित पवार को पर्यटन मंत्रालय के सचिव की जिम्मेदारी दी गयी है.
मोदी सरकार ने वित्त मंत्रालय में अपनी पसंद की टीम बनाने की मुहिम छेड़ रखी है. जहां एक तरफ वहां से माया राम को चलता किया गया तो दूसरी तरफ अमेरिका में रहने वाले इकोनामिस्ट अरविंद सुब्रामणियन को चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर बनाया गया है. जबकि राजस्थान के मुख्यसचिव राजीव महर्षि को वित्त सचिव बनया गया था.
मायाराम को मनमोहन सरकार ने अप्रैल 2014 में बाजाब्ता तौर पर वित्त सचिव के पद पर बिठाया था.