अब केंद्र की भाजपा द्वारा मीडिया पर खबरों को सेंसर करने का दबाव डाला जाने लगा है। इसके लिए गाइड लाइन जारी किया जा रहा है। निर्देश दिया जा रहा है कि भ्रामक खबरें नहीं छापें। इस संबंध में आज वित्त मंत्रालय के हलावे से पीआईबी ने एक खबर जारी की है। इसमें अटकलों के आधार पर खबर छापने से परहेज करने की अपील की गयी है।
लेकिन मीडिया के लिए अटकलें खबरों के सबसे बड़े माध्यम होते हैं। इन अटकलों के आधार पर बड़ी-बड़ी खबरें बनती हैं और छपती भी हैं। फिर सवाल यह है कि अटकलें भी सरकारी अधिकारियों के हवाले से ही चलाए जाते हैं। सरकार अपने अधिकारियों पर अंकुश लगाने के बजाए मीडिया से संयम बरतने की अपील कर रही है। इसका अर्थ यह है कि शासकीय गोपनीयता कानून का उल्लंघन अधिकारी करते हैं और नसीहत मीडिया को दी जा रही है।
पीआईबी की जारी नोटस का यथावत प्रस्तुत कर रहे हैं-
मीडिया के एक वर्ग में हाल में सार्वजनिक क्षेत्र के पांच बैंकों (पीएसबी) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी पद के लिए चयन प्रक्रिया के परिणाम को लेकर कुछ खबरें छपी हैं। इनमें से अधिकांश खबरें अटकलों पर आधारित है, जो सच्चाई से दूर हैं। नामों को लेकर अटकलों पर आधारित ऐसी खबरें न केवल प्रत्याशियों के बीच, जो चयन प्रक्रिया के हिस्से हैं, बल्कि आम जनता के बीच भी अनावश्यक भ्रम फैलाते हैं। उल्लेखनीय है कि चयन की प्रक्रिया को गोपनीय रखा जाता है और इसलिए परिणाम की जानकारी केवल मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) की मंजूरी के बाद ही मिल सकती है। इसलिए बेहतर होगा, अगर मीडियाकर्मी अटकलों पर आधारित खबरों/लेखों को लिखने से परहेज करें।