मयान्मार में रोहिंग्या मुसलमानों के कत्लआम के खिलाफ राजधानी पटना में हजारों की संख्या में लोग सड़क पर उतर आये. कौमी इत्तेहाद मोर्चा, आल इंडिया तहरीक ए इंसाफ काउंसिल समेत अनेक संगठनों ने शुक्रवार को मौन जुलूस के माध्यम से अपना विरोध जताया.
गौरतलब है कि पिछले कई महीनों से म्यान्मारमें हजारों मुसलमानों को वहां की सेना पर कत्ल करने का आरोप लगा है. इस कारण लाखों लोगों ने बांग्लादेश और भारत समेत अनेक देशों में पनाह लेने को मजबूर हैं. दुनिया भर में इस कत्ले आम की आलोचना के बीच आज पटना में लोगों ने अपना विरोध प्रकट किया. आल इंडिया तहरीक ए इंसाफ काउंसिल के मौलाना जलील हाशमी ने कहा कि भारत सरकार को इस पर सख्त रवैया अपनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि श्रीलंका में गृहयुद्ध के दौरान लाखों तमिल भारत आये थे. इसी तरह नेपाल के लाखों लोग भारत में पनाह लिये हुए हैं. ऐसे में भारत सरकार को रोहिंग्या समुदाय के लोगों को भारत से निकाले जाने की कोशिश गलत संदेश देगी.
मौन जुलूस में लोगों ने अपना विरोध जताते हुए कहा कि भारत सरकार को म्यान्मार पर दबाव बनाना चाहिए कि वह लोगों के क्तले आम को रोके. वहां के रोहिंग्या समुदाय के लोगों को वहां की नागिरकता दी जाये और जब तक हालात सामान्य नहीं होते तब तक भारत सरकार को उनकी भरपूर मदद करनी चाहिए.
मौलाना अब्दुर रज्जाक, आफ्ताब आलम, गुलफिशां जबीं ने भारत सरकार से मांग की कि वह रोहिंग्या शर्णाथियों को भारत से वापस भेजने के फैसले को अविलम्ब वापस ले.
यह जुलूस आलमगंज, पत्थरकी मस्जिद होते हुए कारगिल चौक पर पहुंची. इस दौरान किसी तरह की नारेबाजी नहीं की गयी. लोगों ने अपने हाथों में तख्तिया ले रखी थी जिसमें वर्मा में हो रहे जुल्म के खिलाफ नारे लिखे थे.
इस अवसर पर मोहम्मद परवेज, हामिद रजा, जफ्र अहमद कई लोगों ने जुलूस का नेतृत्व किया.