पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त मंत्री रह चुके भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा 21 अप्रैल को राष्ट्रीय मंच नामक संगठन के बैनर तले पटना में विपक्षी दलों के साथ एक बैठक करने वाले हैं. इस मंच का गठन खुद यशवंत सिन्हा और बीजेपी के दूसरे असंतुष्ट नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने की है. बैठक में राजद की ओर से पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव व कांग्रेस भी शामिल होगी.
नौकरशाही डेस्क
इस बारे में खुद यशवंत सिन्हा ने कहा कि बैठक में कांग्रेस समेत दूसरी गैर बीजेपी पार्टियां शामिल होगीं. देश में वर्तमान राजनीतिक हालत ठीक नहीं है और समाज में तनाव जैसी स्थिति है. जिन लोगों ने नरेंद्र मोदी को वोट किया और वो आज निराश हैं. वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कैश की किल्लत पर भी सवाल उठाये और कहा वर्तमान वित्त मंत्री अरूण जेटली की निंदा की. उन्होंने कहा कि इस संबंध में मंत्री के तर्क सही नहीं है. करेंसी प्रिंट होने का मामला देश की जीडीपी से जुड़ा है. कैश की किल्लत को रुपये की निकासी से जोड़कर कर देखना गलत है.
गौरतलब है कि पहले भी यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार मे भारतीय अर्थ व्यवस्था को लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं. उन्होंने नोट बंदी पर भी मोदी सरकार को और वित्त मंत्री अरूण जेटली को निशाने पर लिया था. इस बारे में हाल ही में इंडियन एक्सप्रेस में यशवंत सिन्हा ने एक लेख के जरिये कहा था कि 2014 के चुनाव में जीत के लिए पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मेहनत की थी. कार्यकर्ताओं की मेहनत के दमपर ही हमने इतनी बड़ी जीत हासिल की, पूरी पार्टी ने नरेंद्र मोदी को समर्थन किया था. सरकार अब चार साल पूरे कर चुकी है और पांच बजट पेश कर चुकी है. लेकिन ऐसा लगता है कि हम लोगों का विश्वास खो चुके हैं.
सिन्हा ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए लिखा कि महिलाएं आज सुरक्षित नहीं हैं, लगातार रेप की घटनाएं सामने आ रही हैं. कुछ मामलों में हमारे अपने ही लोग शामिल रहे हैं. आज दलित और आदिवासी काफी परेशान हैं. सरकार लगातार दावा करती है भारत दुनिया की सबसे तेज विकास करने वाली अर्थव्यवस्था है. लेकिन ऐसे देश में बैंक नॉन परफॉर्मर रहे हैं, किसान दुखी है, युवाओं के पास नौकरी नहीं है, छोटे कारोबार ठप हो चुके हैं. और इससे भी बुरा ये है कि पिछले चार साल में भ्रष्टाचार लगातार बढ़ा ही है.
यशवंत सिन्हा ने सरकार की विदेश नीति पर भी हमला बोला. उन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री लगातार विदेश घूमते हैं, उनकी अन्य नेताओं के साथ गले मिलते हुए भी तस्वीरें सामने आती हैं लेकिन कुछ बदला नहीं है. आज भी पड़ोसियों के साथ हमारे रिश्ते नहीं सुधरे हैं. चीन भी अब भारत पर अपनी दादागिरी दिखा रहा है.