यह यूपी के आला पुलिस अधिकारियों की चापलूसी की मिसाल है या मंत्री आजम खान की तानाशाही रवैइए की धौंस का असर कि स्कार्ट के चार पुलिसकर्मी सस्पेंड कर दिये गये.
मामला यह है कि उत्तर प्रदेश के ताकतवर नगर विकास मंत्री मोहम्म्द आजम खां एक रोजा इफ्तार में नहीं पहुंच सके तो इसकी सजा चार पुलिसकर्मियों को मिली है.
आगे चल रही स्कार्ट की गाड़ी मंत्री को पीछे छोड़ खुद इफ्तार पार्टी में पहुंच क्या गयी और आजम खान का ड्राइवर इफ्तार पार्टी का रास्ता भटक गया. इससे आजम इतने नाराज हुए कि इलाहाबद से नाराज हो कर लखनऊ चले गये.
आजम खान को खुश करने के लिए जिला पुलिस ने एसपी (क्राइम) अरुण पाण्डेय ने स्कार्ट में शामिल मुख्य आरक्षी देवी प्रसाद सिंह, कॉन्स्टेबल नरेंद्र सिंह, रवींद्र सिंह और एस्कॉर्ट के जिप्सी ड्राइवर निजामुद्दीन को सस्पेंड कर दिया है.
रविवार की शाम को नैनी स्थित एग्रीकल्चरल इंस्टिट्यूट के प्रोफेसर कलीम अहमद के घर रोजा इफ्तार में हिस्सा लेने आजम खां इलाहाबाद आए हुए थे. मंत्री की कारों के काफिले के आगे चल रहा एस्कॉर्ट प्रोफेसर कलीम के घर पर पहुंच गया लेकिन मंत्री की कार वहां नहीं आई. लोग काफी देर तक आजम खां के स्वागत के लिए गेट पर खड़े रहे लेकिन जब वह नहीं पहुंचे तो हड़कंप मच गया.
इससे नाराज मंत्री आजम खां इफ्तार में न शामिल होकर सीधे लखनऊ रवाना हो गए थे. उनकी नाराजगी को देखते हुए कई स्तर पर मामले की जांच शुरू हो गई थी.
अब सवाल यह है कि आजम खान का ड्राइवर रास्ता भटक गया तो इसमें स्कॉट के लोगों को इतनी बडज़ी सजा कहां का इंसाफ है. इफ्तार की दावत में निर्धारित समय पर पहुंचने का दबाव स्कॉट के कर्मियों पर था. उन्हें फौलो करने की जिम्मेदारी मंत्री के ड्राइवर की थी.
ऐसा लगता है कि मंत्री को खुश करने के लिए पुलिस के आला अधिकारियों ने स्काट कर्मियों को स्सपेंड कर दिया है.