यह जो अरुण कुमा चतुर्वेदी हैं, इन में ऐसा क्या खास है कि सार्वजनिक क्षेत्र की एक या दो नहीं बल्कि चार कम्पनियों ने उन पर एक साथ भरोसा जाताया है और अपना सतर्कता अधिकारी बना दिया है?
भारतीय रेल सेवा के 1994 बैच के अधिकारी चुर्वेदी को एक साथ सार्वजनिक क्षेत्र की चार नामी कम्पनियों के मुख्य सतर्कता अधिकारी की जिम्मेदारी सौपी गयी है.
चतुर्वेदी एक काबिल अधिकारी तो माने जाते हैं पर उन्हें चारों कम्पनियों ने अपना मुख्य सतर्कता अधिकारी क्यों बनाया है, इस बारे में कुछ नहीं बताया गया है.
चतुर्वेदी की नियुक्ति संबंधी मेमोरेंडम में यहां तक कहा गया है कि चतुर्वेदी को यह विक्लप होगा कि वह चाहें तो किसी भी एक कम्पनी अथवा अपने मूल कैडर से वेतन ग्रहण कर सकते हैं साथ ही उन्हें तमाम कम्पनियों से डेपुटेशन भत्ता भी मिलेगा. इतना ही नहीं अगर उन्हें किसी अन्य प्रकार के खर्च की जरूरत हो तो वह भी दिया जायेगा.
जिन चार कम्पनियों का उन्हें एक साथ मुख्य सतर्तकता अधिकारी बनाया गया है वे हैं- संभार साल्ट लि. जयपुर, इंस्ट्रूमेंटल लिं, कोटा, राजस्थान इल्ट्रानिक ऐंड इंस्ट्रूमेंट्स लि. जयपुर और हिंदुस्तान साल्ट्स लिं. ये चारों कम्पनियां भारी उद्योग मंत्रालय के प्रशासनिक क्षेत्र में आती हैं.
ये चारों कम्पनियां अपने क्षेत्र की नामी गिरामी कम्पनियां हैं. इतना ही नहीं इनमें राजस्थान इलक्ट्रानिक ऐंड इंस्ट्रूमेंट्स लि तो मिनी नवरत्न में भी शामिल है.