अमेरिका ने रिचर्ड राहुल वर्मा को भारत में अपना राजदूत बनाने का फैसला कर लिया है, औपचारिक मुहर बाकी है. यह पहले राजदूत हैं, जो हैं तो अमेरिका के पर इनकी जड़ें भारत में हैं.
रिचर्ड राहुल का भारतीय कनेक्शन यह है कि उनकी मां पंजाब से हैं. साउत एशिया जर्नल के एक प्रोग्राम के एक लेक्चर में रिचर्ड ने कहा कि उनकी मां भारत विभाजन के बाद अमेरिका आयीं.वह मौजूदा पाकिस्तान से हैं मेरे परिवार के लोग पढ़े लिखे नहीं ते. मां अमेरिका आकर एम ए की डिग्री ली.
रिचर्ड राहुल वर्मा 1994 से 1998 के दौरान अमरीकी वायुसेना को अपनी सेवाएं दे चुके हैं.उन्हें उल्लेखनीय सेवाओं के लिए कई सम्मानों के साथ-साथ मेरिटोरियस सर्विस मेडल और एयर फ़ोर्स कमांडेशन मेडल से भी सम्मानित किया गया. उन्होंने लिघे विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक, अमरीकन विश्वविद्यालय से क़ानून में स्नातक और जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय के लॉ सेंटर से एलएलएम की डिग्री हासिल की है. इतना ही नहीं वर्मा अंतरराष्ट्रीय क़ानून सलाहकार संस्था स्टेपटो एंड जॉनसन एलएलपी में वरिष्ठ वकील के रूप में काम कर रहे हैं. वो ‘सेंटर फ़ॉर अमेरिकन प्रोग्रेस’ में वरिष्ठ नेशनल सिक्योरिटी फ़ेलो के रूप में कार्यरत हैं.
वो 2009 से 2011 तक विदेश विभाग में हिलेरी क्लिंटन के कार्यकाल में विधायी मामलों के उप मंत्री रह चुके हैं.
उन्हें 2008 में आतंकवाद और जनसंहार के हथियारों की रोकथाम के लिए बने आयोग में नियुक्त किया गया था. वो इस आयोग की रिपोर्ट ‘वर्ल्ड एट रिस्क’ के सहलेखक भी हैं.