योगी के शहर गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में ऑक्सिजन की कमी से तड़प-तड़प कर 33 बच्चों की हुई मौत के बाद राजनीतिक तूफान मच गया है. विपक्ष ने सीएम को चुनौती देते हुए कहा है कि जरा भी शर्मुम बची है तो ख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दें.
गौरतलब है कि पिछले 48 घंटे में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आक्सिजन सप्लाई करने वाली कम्पनी का बकाया 69 लाख रुपये हो जाने पर आक्सिजन देने से मना कर दिया था. कम्पनी ने पैसा भुगतान के लिए अनेक बार कहा था और लिखित अल्टिमेटम दिया था कि अगर इतनी बड़ी रकम चुकाई नहीं गयी तो वह आक्सिजन सप्लाई कर पाने में असमर्थ होगी.
इस घटना के बाद योगी सरकार की चौतरफा आलोचना हो रही है. कांग्रेस से ले कर सपा और बसपा के नेताओं की टीम अस्पताल पहुंच कर लोगों से बात कर रही है.
बसपा नेता सुधिंदर भदोरिया ने कहा कि यूपी के मुखिया के लिए यह शर्म की बात है. उन्होंने कहा कि अगर जरा भी नैतिकता बची है तो उन्हें पद से इस्तीफा देना चाहिए. भदोरिया यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ के पास थोड़ी सी भी शर्म बची हो तो उन्हें उन बच्चों के मां-बाप के पास जा कर उनसे माफी मांगनी चाहिए और पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
यह तो नरसंहार है
इस बीच नोबल पुरुस्कार विजेता और बाल अधिकारों पर काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी ने इन मौतों को नरसंहार करार दिया है. सत्यार्थी ने ट्विटर पर लिखा है कि योगी सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए की आक्सिजन की किल्लत से बच्चों की जान न जाये.
इस बीच योगी आदित्यनाथ ने ट्विट कर जानकारी दी है कि सरकार इस मामले की जांच करा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी.