अजीत सरकार हत्या मामले में बाइज्जत बरी होने वाले पप्पू यादव ने ज्ञानेश्वर से एक साक्षात्कार में कहा है कि लालू यादव शासक वर्ग की साजिश का शिकार हुए हैं.
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खबर मिली कि पप्पू यादव होटवार जेल जाकर लालू यादव से मिलने वाले हैं । बिहार के सीमांचल की राजनीति के ख्याल से यह समीकरणों का गुणा-भाग भी है । अजीत सरकार हत्या-कांड में कोर्ट से बाइज्जत बरी होने के बाद पप्पू यादव ने किशनगंज से खगडि़या तक मेला लगा रखा है । बहुत बदले भी दिखते हैं । जैसी रैली और सभा लगातार कर रहे हैं,लगता है मिट्टी मजबूत बनी हुई है । कोर्ट के निर्णय के बाद सहानुभूति भी मिल रही है । ऐसे में,जेल जाकर लालू यादव से मिलने का इरादा 2014 के लोकसभा चुनाव का पूर्वानुमान भी बता रहा है ।
मन खंगालने को मैंने श्री यादव का फोन मिला लिया । पत्नी श्रीमती रंजीता रंजन अभी कांग्रेस में ही हैं । सो,सीधा सवाल कि लालू प्रसाद से मिलने का ध्येय क्या राजद से चुनाव लड़ने का मन है । बोले,अभी सवाल पार्टी का नहीं है । मिलने इसलिए जा रहा,क्योंकि लालू प्रसाद एक विचारधारा हैं । पिछडों व गरीबों की आवाज हैं । लोहिया,जेपी,कर्पूरी के बाद वंचित समाज की सबसे मजबूत लड़ाई लालू यादव ने ही लड़ी है । इस लड़ाई का खामियाजा ही आज उन्हें शासक वर्ग ने सजा के रुप में दी है । यह सजा नहीं,लोकतंत्र में गरीबों व पिछडों की आवाज को बाहर का रास्ता दिखाने का षड्यंत्र है । इसे समाज कभी बर्दाश्त नहीं करने वाला ।
आगे पप्पू यादव ने कहा,देश का सिस्टम अर्से से लाखों करोड़ के घोटाले को पैदा करता रहा है । माल भी महाराज ही लूटते रहे हैं । लेकिन सिस्टम इन्हें बचाता रहा है । बचाव को सभी तरह के उपाय होते रहे हैं । लेकिन लालू यादव के मामले को देखिये । 37 करोड़ के घोटाले में कहा जा रहा है कि चालीस लोगों ने मिलकर खाया । आप समझ सकते हैं कि कितनी थोथी दलील है । बेमानी तो साफ है कि जिन अफसरों की वजह से घोटाला हुआ,उन्हें कम सजा मिल रही है और लालू यादव को सर्वाधिक । समाज सब कुछ जान और समझ रहा है ।
सिस्टम देश भर में गरीबों-वंचितों की आवाज को कुचलने में लगा है । लालू यादव ही नहीं,मुलायम सिंह यादव और मायावती भी किसी दूसरे की खेती से राजनीति में नहीं आये हैं । सबों ने वंचित समाज के लिए लंबा संघर्ष किया है और सत्ता हासिल की है । लेकिन बहुतों को गरीबों को मिली आवाज सुहाती नहीं । सो,एक-एक कर सबों को निशाने पर लिया जाता रहा है । हरियाणा में चौटाला को तो फांस ही दिया गया
पप्पू यादव कहते हैं कि सिस्टम देश भर में गरीबों-वंचितों की आवाज को कुचलने में लगा है । लालू यादव ही नहीं,मुलायम सिंह यादव और मायावती भी किसी दूसरे की खेती से राजनीति में नहीं आये हैं । सबों ने वंचित समाज के लिए लंबा संघर्ष किया है और सत्ता हासिल की है । लेकिन बहुतों को गरीबों को मिली आवाज सुहाती नहीं । सो,एक-एक कर सबों को निशाने पर लिया जाता रहा है । हरियाणा में चौटाला को तो फांस ही दिया गया । राजा-महाराजा लोग घोटाला-दर-घोटाला कर भी कैसे बच जा रहे हैं,जनता को बताना-जानना होगा ।
उन्होंने कहा कि जेल में लालू यादव को कैद कर यह मानने वाले लोग कि वे मिट गये,मुगालते में हैं । समय बतायेगा सबों को औकात । लोकतंत्र में जनता मालिक है और रहेगी । गरीब-पिछड़े जान गये हैं कि लालू यादव को ठीक चुनाव के पहले क्यों जेल पहुंचाया गया । वोट का वक्त आ रहा है,हिसाब भी वह ठीक से कर देगी । बहरहाल पप्पू यादव इस सवाल पर चुप्पी साध गये कि वे किस लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने को जा रहे हैं । कहा,पहले लालू जी से मिलकर आता हूं,फिर आगे की बात करेंगे । साथ में यह भी कह गये कि इस मुलाकात को चुनाव से हरगिज न जोड़ें ।