राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केन्द्र और राज्यों के बीच बेहतर तालमेल बनाने में राज्यपालों की बड़ी भूमिका का जिक्र करते हुए उनसे विकास कार्यों को प्राथमिकता देने तथा युवाओं को राष्ट्रनिर्माण से जोड़ने का आह्वान किया है। राष्ट्रपति आज नई दिल्ली में राज्य के राज्यपालों और उप राज्यपालों के एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जबकि सहकारी संघवाद तनाव के दौर से गुजर रहा है राज्यपालों और उपराज्यपालों की भूमिका और भी अहम हो जाती है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल केन्द्र और राज्यों के बीच एक सेतु हैं। केन्द्र के साथ राज्यों का बेहतर तालमेल बना रहे, इसमें उनकी बड़ी भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता को राजभवन से बड़ी उम्मीदें होती हैं। यदि राज्यभवन की कार्यप्रणाली में उच्च आदर्शों और मूल्यों को बनाए रखा जाए तो वह जनता के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकते हैं। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर राज्यपालों और उपराज्यपालों से विकास को अपना मूल एजेंडा बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि प्रशासन में पारदर्शिता बहुत जरुरी है। डिजिटल इंडिया के इस दौर में जनता को उपलब्ध करायी जाने वाली सभी सेवाएं सहज,पारदर्शी और जवादेह होनी चाहिए।
उन्होंने युवाओं को राष्ट्रनिमार्ण की प्रक्रिया से जोड़ने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश का भविष्य युवा पीढ़ी की क्षमता, नैतिक मूल्यों और इच्छाशक्ति पर निर्भर है। ऐसे में राज्यों को अपने यहां युवाओं के लिए उच्च शिक्षा और कौशल विकास के अवसर उपलब्ध कराने चाहिए। श्री कोविंद ने कहा कि देश के 69 प्रतिशत कालेज और विश्वविद्यालय राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। देश के 94 प्रतिशत छात्र इन विश्वविद्यालयों में पढ़ते हैं। ऐसे में इन शिक्षण संस्थानों में शिक्षा का स्तर गुणवत्तापूर्ण हो यह सुनिश्चित करना राज्य सरकारों का काम है।