उत्तर प्रदेश के चार जिलों के डीएम साहेबान इन दिनों खास किस्म की ‘दुल्हनों’ की तलाश में निकल पड़ें हैं. आखिर क्या खास है इन दुल्हनों में और क्यों कर रहे हैं वे इनकी खोज?
उत्तर प्रदेश के चार जिलों बरेली, बदायूं, पीलीभीत और शाहजहांपुर के जिलाधिकारी की एक जैसी समस्या है. समस्या यह कि वे ऐसी दुल्हनों को खोज निकालने में जुटे हैं जिन्होंने राज्य सरकार की नाक में दम कर रखा है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, दुल्हनों को ढूंढ रहे ये चारों जिले के जिलाधिकारी किसी की शादी कराने के लिए नहीं बल्कि शादी के नाम पर सरकार को चूना लगा चुकी दुल्हनों की तलाश कर रहे हैं.
दर असल इन दुल्हनों ने प्रदेश में समाज कल्याण विभाग की ओर से विवाह योजना से मिलने वाली रीशि का लाभ उठाया है. पर पता चला है कि इस योजना के तहत लाभ लेने के लिए कई महिलाओं ने शादी करने के फर्जी सबूत पेश किए और सरकारी खजाने को चूना लगा दिया जबकि ये महिलाएं या तो पहले से शादी-शुदा थीं या विधवा थीं.इन युवितियों ने शादी के लिए 10,000 रुपए पाने के लिए नकली कागजात पेश किए और योजना का दुरूपयोग किया.
बताया जाता है उन्होंने ग्राम प्रधान और तहसील में काम कर रहे कर्मचारियों से मिलीभगत करके जिला अल्पसंख्यक समाज कल्याण विभाग से राशि ले ली.
टाइम्स आफ इंडिया के अनुसार जिले के अल्पसंख्यक समाज कल्याण अधिकारी जगमोहन सिंह ने बताया कि सरकार को धोखा देने वाली दुल्हनों में ज्यादातर बहेरी, फरीदपुर और मीरगंज तहसील की सबसे ज्यादा हैं. इन इलाकों के बारे में कहा जा रहा है कि धोखाधड़ी कर योजना के तहत पैसे निकालने के लिए यहां पर एक सुव्यवस्थित रैकेट भी चल रहा था.