यूपी सरकार ने बम धमाकों के कथित आरोपी खालिद मुजाहिद की पुलिस वैन में हुई मौत की जांच सीबीआई से कराने और उनकी हत्या के विरुद्ध पूर्व डीजीपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.
इस मामले में पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह और तत्कालीन एडीजी बृज लाल के अलावा 40 अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज किया गया है.
खालिद मुजाहिद को 2007 में बम धमाकों के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. तब से अब तक खालिद का केस लड़ रहे वकील मोहम्मद शोएब का कहना है कि खालिद मुजाहिद ने कई बार आरोप लगाया था कि पुलिस वाले उसे एनकाउंटर में मारने की धमकी देते रहे हैं. खालिद के वकील ने इस मामले की शिकायत कई बार लिखित रूप से अदालत को की थी.
पिछले शनिवार को फैजाबाद कोर्ट से बारहबंकी जेल लौटने के क्रम में पुलिस कस्टडी में ही उनकी मौत हो गयी. बाद में वकील ने खालिद के मृत शरीर को देखा उनका कहना है कि उनके शरीर पर उत्पीड़न के निशान थे और नांक कान से खून निकला हुआ था.
इस बीच राज्य सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने का फैसला लिया है.
यूपी सरकार ने शनिवार को ही इस मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए थे.
लेकिन परिवारवालों की मांग पर रविवार को सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी गई.परिवारवालों का आरोप है कि खालिद की हत्या की गई है. लिहाजा सरकार के आदेश पर बाराबंकी पुलिस ने पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह और पूर्व एडीजी बृजलाल समेत 42 पुलिसवालों के खिलाफ हत्या और हत्या की साजिश का मामला भी दर्ज कर लिया. विक्रम सिंह और बृजलाल के कार्यकाल के दौरान ही खालिद मुजाहिदीन और उसके साथी तारिक को सीरियल बम धमाकों के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.