कुछ पुलिस वालों की क्रूरता और अमानवीयता के चर्चे तो अकसर सामने आते हैं पर यूपी के इन पुलिस वालों ने एक शख्स को पेशाब पिला कर सनसनी पैदा कर दी है. मामले में दारोगा व दो अन्य को निलंबित कर दिया गया है.
अमर उजाला डॉट कॉम की खबर के मुताबिक यूपी के ललितपुर में पुलिस चौकी खिंतवांस में एक ग्रामीण को मानव मूत्र पिलाए जाने के मामले में पुलिस अधीक्षक विजय यादव को जीडीपी कार्यालय लखनऊ संबद्ध कर दिया गया है, जबकि सीओ महरौनी व आरोपी दरोगा समेत तीन को निलंबित किया गया है।
एसपी व सीओ के खिलाफ जहां लखनऊ स्तर से कार्रवाई की गई है, वहीं दारोगा व दो पुलिस कर्मियों को डीआईजी ने निलंबित किया है। बुधवार को मौके पर जांच करने पहुंचे डीआईजी ने पीड़ित के बयान भी दर्ज किए तथा तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए। शासन तक मामला पहुंचने पर आज प्रभारी आईजी कानपुर जोन आर के चतुर्वेदी भी ललितपुर आए और उन्होंने पीड़ित व अधिकारियों से घटना के बारे जानकारी ली।
मालूम हो कि कोतवाली महरौनी क्षेत्रांतर्गत ग्राम भौंरदा निवासी कांशीराम बुनकर पुत्र चिमन व उसके भाई के बीच एक खेत को लेकर विवाद चल रहा है। कांशीराम के भाई ने खितवांस पुलिस चौकी में शिकायती पत्र दिया था, जिसकी जांच के लिए बृहस्पतिवार को उसे चौकी बुलाया गया और खेत नहीं छोड़ने पर उसके साथ मारपीट की गई थी।
आरोप है कि चौकी में दो सिपाहियों ने कांशीराम को पकड़ लिया और डिस्पोजल ग्लास में उसको जबरन मानव मूत्र पिलाया गया था।
मामले को गंभीरता से लेते हुए बुधवार को डीआईजी प्रशांत कुमार जिला मुख्यालय आए। यहां लोक निर्माण विभाग रेस्ट हाउस में उन्होंने पुलिस अधीक्षक विजय यादव की मौजूदगी में बयान दर्ज किए। बाद में उन्होंने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पत्रकारों को बताया कि पीड़ित ने अपने बयान में खितवांस पुलिस चौकी के अंदर मारपीट करने और जबरन मानव मूत्र पिलाए जाने के बयान दिए हैं।
मामले को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने आरोपी दरोगा विजय सिंह, कांस्टेबल बृजनारायण व दिनेश कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है, साथ ही विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि किसी को भी अमानवीय कृत्य की इजाजत नहीं दी जा सकती है। अगर इस तरह के अपराध में अन्य पुलिस कर्मी शामिल हैं तो उनको भी दंडित किया जाएगा।
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