नोटबंदी के जिन्न को फिर से बाहर लाते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने फिर मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि अपने तुगलकी फरमान के पचास दिन क्या पांच सौ दिन बीत जाने के बाद भी पीएम मोदी ने लोगों के बरबाद हुई जिंदगियों पर कोई मरहम नहीं लगाया है.
येचुरी ने नोटबंदी के बाद नरेंद्र मोदी के उस बयान के अखबारी कतरन को साझा किया है जिसमें मोदी रुआंसा मुंह लिये हुए कह रहे हैं कि उन्हें सिर्फ पचास दिन की मोहलत दे दें अगर मैं गलत साबित हुआ तो मुझे जिंदा जला दें.
येचुरी ट्विटर पर लिखा है कि क्यों नहीं पीएम मोदी आधी रात को किये अपने तुगलकी फरमान की जिम्मेदारी खुद अपने सर पर लेते हैं? गौरतलब है कि 8 नवम्बर 2016 की आधी रात को पीएम मोदी ने देश में तब चलन में रहे एक हजार और पांच सौ के नोटों पर सदा के लिए रोक लगा दी थी. इसके बाद देश भर में रुपयों की भारी किल्लत हो गयी थी और लाखों लोगों के रोजगार पर संकट पड़ गया था. हाल ही में एक सर्वे में बताया गया था कि 500 से ज्यादा कपड़ा मिलें बंद हो गयी थीं और लाखों लोगों के रोजगार छिन गये थे. इस दौरान पुराने नोटों के बदले नये नोटों को बदलने के लिए बैंकों के सामने हजारों की भीड़ जमा होने लगी थी इस दौरान चार दर्जन के करीब लोगों को अपनी जानें भी गंवानी पड़ी थी.
आर्थिक जानकारों का कहना था कि नोटबंदी से भारत के जीडीपी पर व्यापक नकारात्मक असर पड़ा था. देश की तरक्की की रफ्तार निगेटिव हो गयी थी.