राज्य के तीन प्रमुख दलों के चार नेता। दो भूतपूर्व मंत्री तो दो वर्तमान मंत्री। इसमें दो पार्टी के पूर्व अध्यक्ष हैं तो एक वर्तमान अध्यक्ष। दो नेता पूर्व नेता प्रतिपक्ष भी हैं। निश्चित रूप से नेता हैं तो राजनीतिक खिचड़ी पकने की पूरी गुजांइश हैं। इसके इतर भी इनके बीच आवास और दीवार का रिश्ता है।
वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी और पूर्व नेता प्रतिपक्ष नंदकिशोर यादव में आवास का रिश्ता है। इको पार्क के पास दो नंबर स्ट्रैंड रोड में करीब 10 वर्षों तक अब्दुलबारी सिद्दीकी रहे। 2005 में सत्ता हाथ से निकली तो आवास भी फिसल गया। इस आवास में भाजपा के वरिष्ठ नंदकिशोर यादव का पर्दापण हुआ। वह भी करीब 10 वर्षों तक इस आवास में रहे। कुछ नया निर्माण करवाया तो कुछ नये पेड़ भी लगवाये। 2015 में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी नंद किशोर यादव के हाथ से खिसकी तो आवास भी खाली करना पड़ा। नयी सरकार में यह आवास फिर अब्दुलबारी सिद्दीकी के लिए आवंटित कर दिया गया। वित्तमंत्री उस आवास में रहने की तैयारी में है। विधान सभा के प्रेस कक्ष में दोनों आवास को लेकर ही चर्चा कर रहे थे। दोनों विधान सभा सदस्य भी हैं।
उधर शिक्षामंत्री अशोक चौधरी और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सुशील कुमार मोदी का रिश्ता दीवार का है। पोलो रोड आवास नंबर एक में सुशील मोदी रहते हैं, जबकि दो नंबर आवास में अशोक चौधरी रहते हैं। दोनों के बीच दीवार का अंतर है। इसके साथ एक समानता और भी है कि दोनों अपने-अपने सरकारी आवास में स्थायी रूप से नहीं रहते हैं। दोनों पटना के अपने निजी आवास में रहते हैं और सरकारी आवास में कार्यालय और अन्य राजनीतिक कार्यों का संचालन होता है। विधान परिषद स्थित सुशील मोदी के कक्ष में अशोक चौधरी अनौपचारिक मुलाकात के लिए आए हुए थे। दोनों परिषद के सदस्य भी हैं।