मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सभी कार्यक्रमों में नजर आ जाएंगे नौशाद युसूफ और राजेश कुमार। नौशाद बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं और राजेश बिहार पुलिस सेवा के। एक सीएम के आप्त सचिव हैं और दूसरे सुरक्षा प्रमुख। इन दोनों का नीति निर्धारण में कोई बड़ी भूमिका नहीं है, लेकिन कार्य प्रक्रिया को सुचारू बनाए रखने का जिम्मा इनका ही है।
वीरेंद्र यादव
मुख्यमंत्री के सभी कार्यक्रमों में पिछली पंक्ति में ये दोनों व्यक्ति नजर आ जाएंगे। कभी सीएम की बात सुनते तो कभी सीएम को मिलने वालों को सामानों को सम्भालते हुए। नौशाद युसूफ सीएम के पीएस हैं और घर से बाहर तक चीजों को व्यवस्थित करना और अधिकारियों को लाइनअप करना इनका सबसे बड़ा जिम्मा है। सीएम की छोटी-छोटी जरूरतों का भी इन्हें ख्याल रखना पड़ता है। शादी कार्ड संभालने से लेकर शादी के लिए न्योता पूराने तक की प्रक्रिया को सुचारू रखना इनका ही काम है। प्रशासनिक निर्णयों में इनका दखल नहीं होता है, लेकिन निर्णय प्रक्रिया को व्यवधान नहीं हो, यह इनके जिम्मे ही है।
कार्यादेशों का अनुपालन
डीएसपी सीएम सिक्युरिटीज राजेश कुमार बिहार पुलिस सेवा के अधिकारी हैं। मुख्यमंत्री की सुरक्षा इनके जिम्मे ही है। सीएम आवास से बाहर सीएम की हर मूवमेंट और कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा गार्डों की तैनाती से लेकर मार्गों को निर्बाध बनाए रखना इनका काम है। कार्यक्रम स्थल से लेकर रूट में तैनात पुलिस कर्मियों के बीच समन्वय बनाए रखना भी इनका दायित्व है, ताकि सीएम के मूवमेंट में कोई खलल नहीं पड़े। सीएम की गाड़ी में आमतौर इन्हीं दो में से कोई एक अधिकारी बैठते हैं। लेकिन कोई जरूरी नहीं है। आवश्यकतानुसार सीएम किसी और को भी बैठा सकते हैं। लेकिन सीएम के आसपास इनकी उपस्थिति अनिवार्य होती है। क्योंकि सीएम के आदेश का पालन इनके ही माध्यम से होना है। इन्हें सीएम का हाथ-पैर भी कहा जा सकता है, क्योंकि इनके ही माध्यम से सामान्य कार्यादेशों का अनुपालन निर्धारित होता है।