मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नरेन्द्र मोदी सरकार पर आज आरोप लगाया कि वह विशेष पैकेज के नाम पर राज्य के लोगों के विश्वास के साथ खिलवाड़ कर सहकारी संघवाद की मूल भावना के विपरीत काम कर रही है।
श्री कुमार ने केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली को लिखे पत्र की प्रति यहां मीडिया को जारी की जिसमें उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहार के लिए जो विशेष पैकेज की घोषणा की है, वह पुरानी योजनाओं की ही रिपैकेजिंग है। उन्होंने पत्र में यह भी दलील दी है कि बिहार सरकार की मांगों और इस संबंध में बार-बार आग्रह किये जाने के बावजूद केन्द्र सरकार ने उन पर ध्यान नहीं दिया । मुख्यमंत्री ने राज्य के लिए विशेष दर्जे की आवश्यकता पर जोर देते हुए पत्र में कहा है कि तथाकथित पैकेज से प्रदेश की जनता की आकांक्षायें कभी पूरी नहीं होगी। यदि केन्द्र सरकार वास्तव में बिहार को सामाजिक, आर्थिक और बुनियादी सुविधाओं के मामले में पिछडे़पन से उबारना चाहती है तो उसे मांग के अनुरुप राज्य को विशेष दर्जे की श्रेणी में रखना चाहिए।
राज्य को फार्मूला आधारित अतिरिक्त सहायता प्रदान करने के साथ ही जायज विशेष सहायता सुनिश्चित और स्पष्ट तरीके से प्रदान करनी चाहिए। श्री कुमार ने कहा कि श्री मोदी द्वारा विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बिहार के लिए घोषित विशेष पैकेज लोगों को ‘प्रभावित करने का प्रयास’है। उन्होंने कहा कि यदि राज्य की विशेष जरुरतों को वास्तव में पूरा करना है तो बिहार राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की भावनाओं और राज्य सरकार के सुझावों को तरजीह दी गयी होती।