दिल्ली गैंगरेप कांड के बाद उमड़े जनाक्रोश के बाद सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने आपराधिक कानून में संभावित संशोधनों के बारे में सुझाव देने के लिए प्रख्यात न्यायविदों की एक समिति बनाई है जो 30 दिन के भीतर अपने सुझाव दे देगी.
केंद्र सरकार ने समिति बनाने का फैसला इस लिए किया है कि ताकि महिलाओं के खिलाफ संगीन यौन अपराध करने वाले अपराधियों के विरूद्ध तेजी से सुनवाई करने और उन्हें कड़ी सज़ा देने का प्रावधान किया जा सके.
पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे.एस. वर्मा इस समिति के अध्यक्ष होंगे.हिमाचल प्रदेश की पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्रीमती लीला सेठ और भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल. गोपाल सुब्रमण्यम इस समिति के अन्य सदस्य होंगे.
यह समिति 30 दिन के अन्दर अपनी रिपोर्ट देगी.
हाल की घटना को ध्यान में रखते हुए सरकार ने मौजूदा कानूनों की समीक्षा करने की आवश्यकता पर गंभीरता से विचार किया है, ताकि संगीन यौन अपराधों के मामलों में जल्दी इन्साफ मिले और अपराधियों को कड़ी सज़ा मिले.