केंद्र सरकार ने कार्यस्थलों पर महिलाओं के यौन उत्पीडन से संबंधित शिकायतों को निपटाने की प्रक्रिया की समीक्षा के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की अध्यक्षता में एक अंतर मंत्रालय समिति गठित करने का फैसला किया है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने ‘कार्यस्थल पर महिला यौन उत्पीडन (बचाव, निषेध एवं निवारण) अधिनियम 2013 के क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए आयोजित आज यहां एक बैठक में इसे पूरी तथा प्रभावी रुप से लागू नहीं करने पर चिंता व्यक्त की।
उन्होंने कार्यस्थल पर महिलाओं की यौन उत्पीडन से संबंधित शिकायतों की निवारण प्रक्रिया की समीक्षा के लिए एक अंतर मंत्रालय समिति गठित करने का निर्देश दिए। यह समिति महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की अध्यक्षता में गठित होगी। उन्होंने शिकायतों के निवारण के लिए ई-प्लेटफार्म बनाने का भी आदेश दिया। बैठक में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अलावा कार्मिक विभाग, युवा मामले एवं खेल मंत्रालय, गृह मंत्रालय, रेल मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के अधिकारी मौजूद थे।
श्रीमती गांधी ने कहा कि कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न की शिकायतों को ठीक ढंग से नहीं निपटाया जा रहा है और न ही इसे संवेदनशील माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि आरोपी व्यक्तियों का स्थानांतरण समस्या का समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि आंतरिक शिकायत समिति को कम से कम समय में यौन उत्पीड़न की समस्याओं का समाधान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं के यौन उत्पीड़न से संबंधित शिकायतें दर्ज करने के लिए ई-प्लेटफार्म बनाया जाएगा और सभी सरकारी विभागों और संस्थानों में कार्यरत महिलाएं इसमें अपनी शिकायतें दर्ज की जा सकेंगी।