रायफल शूटिंग में राष्ट्रीय स्तर की स्वर्ण पदक विजेता शूटर तारा शाहदेव से नाम बदलकर शादी करने और धर्म बदलने के लिए प्रताड़ित करने के आरोपी रकीबुल हसन उर्फ रंजीत सिंह कोहली ने स्वीकार किया है कि वह लड़कियां सप्लाई करता था। उसके ग्राहकों में झारखंड पुलिस के कई बड़े अधिकारी, जज और बड़े नेता शामिल हैं। पुलिस रिमांड पर लिए जाने का का आज आखरी दिन है। रंजीत अपने ग्राहकों के नाम और पदनाम भी गिनाए, जिसमें जनप्रतिनिाधि भी शामिल हैं।
पूछताछ के दौरान रकीबुल ने पुलिस को बताया कि झारखंड के बड़े पुलिस अधिकारी जब रांची पहुंचते थे, तब उसके अशोक नगर रोड नंबर छह स्थित किराए के मकान या अशोक विहार स्थित मकान में ठहरते थे। वहां वह लड़कियों को भेजता था। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, रंजीत ने पूछताछ में बताया कि वह उक्त दोनों आवासों का उपयोग बाहर से रांची आने वाले उन्हीं अधिकारियों को ठहराने के लिए करता था, जो खातिरदारी में लड़कियों की मांग करते थे। इस बीच वरिष्ठ पुलिस महानिदेशक प्रभात कुमार ने कहा ने बताया कि उसके घर से 36 सिम कार्ड, 15 मोबाइल फोन, दो सीपीयू, चार प्रिंटर, दो एयर गन और न्यायालय से जुड़े दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
मुस्ताक अहमद मास्टरमांइड
झारखंड हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार मुस्ताक अहमद रंजीत का संरक्षक था और न्यायिक मामलों में वह रंजीत को काफी मदद करता था। तारा शाहदेव ने आरोप लगाया है कि अहमद ही वह व्यक्ति है, जिसने हसन के साथ उसका निकाह करवाया था, जबकि हिंदू रीति-रिवाज से उनका विवाह पहले ही हो चुका था। रकीबुल ने पुलिस को बताया है कि झारखंड में उसके असल ‘सरकार’ हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार विजिलेंस मुश्ताक अहमद ही थे और मुख्यालय दिल्ली था। मुश्ताक अहमद को ही वह सरकार शब्द से संबोधित करता था। रकीबुल ने कहा कि दिल्ली के इशारे पर झारखंड के किसी भी जिले के न्यायिक अधिकारी आसानी से कोई भी केस सुलझा देते थे। रुपए आने के स्रोत में कहीं कुछ रुकावट नहीं होती थी।
रकीबुल ने पुलिस को बताया कि किस तरीके से मंत्री और आईएएस को भी उसने मदद पहुंचाई। उसने कई नेताओं के नाम गिनाए और दावा किया कि उसके हस्तक्षेप के न्यायालय में मामलों का निबटारा हुआ।
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