राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने आज आरोप लगाया और कहा कि केन्द्र में नरेन्द्र मोदी की अगुवायी वाली भाजपा की सरकार जातीय जनगणना रिपोर्ट को देखकर घबड़ा गयी और इसे दबा दिया गया है, लेकिन उनकी पार्टी इस रिपोर्ट को प्रकाशित कराने के लिये अंतिम दम तक लड़ाई लड़ेगी तथा इसी को लेकर 27 जुलाई को बिहार बंद का आह्वान किया गया है ।
श्री यादव ने पटना में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अंग्रेजो ने वर्ष 1931 में पहली बार जातीय जनगणना करवाया था और उसका रिपोर्ट प्रकाशित किया गया था । वही जनगणना आज तक चला आ रहा है और उसी आधार पर अनूसुचित जाति – जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्गो को आरक्षण मिलता आ रहा है। उन्होंने कहा कि जनगणना की रिपोर्ट के आधार पर ही मंडल कमीशन की रिपोर्ट भी लागू की गयी थी । राजद अध्यक्ष ने कहा कि आजादी के बाद केन्द्र में जो भी सरकारें रही अनुसूचित जाति- जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्गो की आबादी की जानकारी लिये बगैर ही बजट तैयार किया जाता रहा ।
जनसंख्या की जानकारी नहीं रहने के कारण जहां गरीब और गरीब होते गये वहीं अमीर आगे बढ़ते चले गये । उन्होंने कहा कि जिनकी जनसंख्या कम है वही आज ऐसे लोगों के कंधे पर बैठकर राज कर रहे हैं अब यह चलने वाला नही हैं। श्री यादव ने कहा कि जातीय जनगणना रिपोर्ट प्रकाशित करने का उनका एक मात्र उद्देश्य यह है कि देश के विभिन्न जाति -समुदाय एवं धर्म के लोगों का सही आंकड़ा उजागर हो और उसी के अनुरूप बजट का आवंटन हो सके । देश के चहुमुखी विकास के लिये यह बहुत ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र की सरकार वंचितों को यह आभास नही होने देना चाहती है कि लोकतंत्र एवं सरकार में इन वर्गो की भागीदारी नगण्य है ।