गुरुवार को नई दिल्ली में राजद प्रमुख लालू यादव के आवास पर राजद के वरीय नेताओं की बैठक में राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह शामिल नहीं हुए। इसके कई राजनीतिक अर्थ निकाले जा रहे हैं। इधर रघुवंश प्रसाद सिंह लगातार मांझी सरकार पर हमला बोल रहे हैं और राजद-जदयू के गठबंधन की संभावना में राजद की भूमिका को लेकर आक्रमक बने रहे हैं। उनका यह व्यवहार राजद के वरीय नेताओं को भी नहीं भा रहा है। संभव है कि इसी कारण उन्हीं नहीं बुलाया हो। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि मुजफ्फरपुर में अपनी व्यस्तता के कारण रघुवंश बाबू बैठक में शामिल नहीं हो सके।
बिहार ब्यूरो प्रमुख
अल्पाहार के साथ शुरू हुई बैठक में लालू यादव ने पार्टी नेताओं को बड़ा टास्क थमाया। उन्होंने नेताओं से कहा कि आप लोग झारखंड चुनाव के मूव करें और सहयोगी पार्टियों के लिए पूरी ताकत लगा दें। जनता परिवार की एकता व विलय की संभावना पर चर्चा करते श्री यादव ने कहा कि सांप्रदायिक शक्तियों के मुकाबले के लिए एकजुटता जरूरी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जनता के साथ धोखा दिया है और इसका जवाब जनता परिवार की संयुक्त ताकत ही देगी। राजद प्रमुख ने कहा कि कालाधन, युवाओं को रोजगार देने जैसे मुद्दों से सरकार पीछे हटने लगी है।
बैठक में राजद नेताओं ने लालू यादव से बिहार में समय देने का आग्रह किया। इस पर उन्होंने भरोसा दिलाया कि वह 20 नवंबर के बाद बिहार में समय देंगे, हालांकि झारखंड में चुनाव प्रचार को लेकर वह खास उत्साहित नहीं दिखे। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे, सांसद पप्पू यादव, जयप्रकाश यादव व प्रेम गुप्ता, पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह, पूर्व मंत्री इलियास हुसैन, भगवान सिंह कुशवाहा व मुंद्रिका सिंह यादव, प्रवक्ता चितरंजन गगन आदि मौजूद थे।
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