राष्ट्रीय जनता दल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनावी हलफनामे में तथ्य छुपाने को लेकर अयोग्य ठहराये जाने संबंधी याचिका पर उच्चतम न्यायालय के चुनाव आयोग से जवाब तलब किये जाने पर उनसे इस्तीफे की मांग की।
राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में संज्ञान लिया है । इस मामले में अदालत ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी करके पूछा कि आखिर क्यों न श्री कुमार की विधान परिषद की सदस्यता समाप्त कर दी जाये। न्यायालय ने जवाब के लिए चार हफ्ते का समय दिया है। श्री सिंह ने कहा कि श्री कुमार ने अपने चुनावी दस्तावेजों में उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज होने की जानकारी नहीं दी थी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 और 2012 में चुनावी दस्तावेज जमा करते समय श्री कुमार ने आपराधिक जानकारी छुपाई थी, जो अपराध है । उन्होंने कहा कि श्री कुमार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात तो करते हैं लेकिन जब अपने ऊपर इसे लागू करना होता है तो उसमें वह दोहरा मापदंड अपनाते हैं।
राजद उपाध्यक्ष ने कहा कि तत्कालीन उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के खिलाफ केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के प्राथमिकी दर्ज किये जाने पर ही श्री कुमार ने महागठबंधन तोड़ दिया था। नैतिकता की दुहाई देने वाले श्री कुमार को उच्चतम न्यायालय के आयोग से रिपोर्ट मांगे जाने पर उन्हें पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं रह गया है ।