छपरा के निकट हुए राजधानी एक्सप्रेस हादसे की जांच रिपोर्ट आ गयी है लेकिन यह रेल मंत्री सदानंद गौड़ा के लिए शर्मिंदगी का कारण बन सकती है. आखिर क्या है इस रिपोर्ट में और क्यों होना पड़ेगा गौड़ा को शर्मिंदा?
गुरुवार को रात के साढ़े आठ बजे हैं. सारण के एसपी सुधीर कुमार के स्टाफ दनादन फोन कर के स्थानीय पत्रकारों को उनके आवास पर जमा कर चुके हैं. पत्रकार समझ नहीं पा रहे कि अचानक रात में पुलिस अधीक्षक को प्रेस कांफ्रेंस बुलाने की जरूरत ही क्यों पड़ी. पत्रकार आपस में अभी कानाफूसी कर ही रहे थे कि सुधीर कुमार हाजिर होते हैं और राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन हादसे की जांच रिपोर्ट का खुलासा करते हुए कहते हैं कि राजधानी एक्सप्रेस दुर्घटना मामले में एसआईटी द्वारा जब्त रेलवे ट्रैक के टुकड़े व पेनड्रॉल क्लिप की फारेंसिक जांच कराने के बाद रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि राजधानी एक्सप्रेस दुर्घटना रेलवे के चूक के कारण हुई है.
इतना ही नहीं सुधीर ने यह भी घोषणा की कि रेलवे ट्रैक के साथ न तो किसी ने छेड़छाड़ की थी और न ही नक्सलियों द्वारा विस्फोटक से उड़ाया गया था.
सारण के पुलिस अधीक्षक की यह घोषणा रेलमंत्री सदानंद गौड़ा के संसद में दिये बयान के ठीक उलट है. पिछले हफ्ते सदानंद गौड़ा ने संसद में एक लिखित प्रश्न के उतर में साफ कहा था कि छपरा में हुए राजधानी एक्सप्रेस हादसा ‘तोड़-फोड़’ का नतीजा है. ध्यान देने की बात है कि जिस दिन गौड़ा ने यह बयान दिया था उस दिन तक जांच टीम ने इस संबंध में कोई रिपोर्ट केंद्र सरकार को नहीं सौपी थी. ऐसे में गौड़ा का संसद में दिया गया लिखित बयान और सारण पुलिस अधीक्षक की जांच पर की गयी औपचारिक घोषणा आपस में मेल नहीं खाते हैं. ऐसे में रेल मंत्री को इस मामले में निश्चित तौर पर शर्मिंदगी उठानी पड़ेगी. क्योंकि वह राजधानी हादसे को तोड़-फोड़ की घटना बताते हैं जबकि जांच रिपोर्ट में इसके लिए रेलवे की लापरवाही बतायी जा रही है.
ध्यान रहे की राज्य सरकार ने इस हदसे की जांच की जिम्मेदारी सारण के एएसपी सुशील कुमार के नेतृत्व में एक जांच दल का गठन किया था. इसी जांच रिपोर्ट को सारण के एसपी सुधीर कुमार ने सार्वजनिक की है. उन्होंने कहा है कि रेलवे के ट्रैक के टुकड़े पेनड्रॉल क्लिप सहित अन्य सामान को जब्त कर एसआईटी द्वारा पटना फारेंसिक लैब में जांच कराई गई थी. जांच रिपोर्ट में विस्फोटक छेड़छाड़ की बात सामने नहीं आई है.