एक तरफ जाँच अधर में तो दुसरे तरफ अनशन से सियासत ज़ारी है .बोधगया में आतंकी बलास्ट के बाद जिस तरह से राजनीति हो रही है उसे लेकर शायद प्रशासन भी कन्फ्यूज है.
चंद्रभूषण कुमार, पटना से
कारण यह कि घटना के 72 घंटे बाद भी राज्य सरकार ने जाँच जा जिम्मा लिखित रूप से एनआईए यानी नेशनल इंवेस्टिगेटिव एजेंसी को नहीं सौपा था जब इस बात की भनक मीडिया को लगी तो सरकार ने तुरंत एक्शन लेते हुए जाँच की घोषणा कर दी.
दूसरी तरफ आज बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह और बिपक्ष में राज्यसभा के नेता अरुण जेटली समेत कई बड़े नेता बोधगया का दौरा कर लौटे आये हैं. उसके बाद राजनाथ ने एकदिवसिये अनशन पर बैठे सुशील मोदी को नारियल पानी पिलाकर अनशन समाप्त करवाया.. इसके बाद जम कर राज्य सरकार पर बरसते हुए अध्यक्ष ने कहा की सत्ता पुलिस प्रशासन से नहीं बल्कि राजनैतिक बल से चलता है जो की बिहार सरकार में नहीं है. बोधगया में राजनाथ नरम तो पटना में कार्यकर्ताओ के जोश को देखते हुए गरम दिखे. वहां उन्होंने बिहार सरकार पर कुछ भी कहने से परहेज किया पर यहां गर्म दिखे.इस दौरान केंद्र सरकार को भी निशाने पर लिया और कहा कि केंद्र का काम आगाह करना ही नहीं बल्कि राज्य सरकार के साथ मिलकर घटना को रोकना भी है.
राजनाथ ने अनशन के लिए बिहार के नेता कार्यकर्ताओ को बधाई.. इस मौके पर अरुण जेटली ने कहा कि केंद्र सरकार का आतंकवाद पर नरम रुख हमेशा से रहा है संसद में कई बार कहा गया लेकिन आजतक ठोस करवाई नहीं हुई जब की आतंकवादी घटना लगातार घटित होती रही हैं.
इस मौके पर मुख्यमंत्री का बयान कि राजद भाजपा साथ हैं इससे तिलमिलाए सुशिल मोदी ने कहा कि साढ़े सात साल में जितनी घटना नहीं हुई उतनी घटना गठबंधन टूटने के 25 दिनों के अंदर हो गयीं.. मुख्यमंत्री की सीआईएसएफ की मांग पर मोदी ने उंगली उठायी और मंदिर में निजी गार्ड के हवाले सुरक्षा क्यों है इस पर सवाल किया .
हलांकि मोदी जी भूल गए की उस समय सरकार में वे भी शामिल थे. राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दकी ने आरोप लगाया की निजी गार्ड बीजेपी के खास आदमी का है. जबकि इसका जवाब बीजेपी के पूर्व पर्यटटन मंत्री सुनील पिंटू ने देते हुए कहा की इसका निर्णय मुख्यमंत्री करते है.बलास्ट मामले में पटना से पकडे गए चार की खबर अभी हवा में ही है. जाँच कैसे और क्या होगी इसका जबाब किसी के पास नहीं है.