जीरादेई के पूर्व विधायक प्रो राघव प्रसाद की पहचान पूर्व विधायक से ज्यादा आज एक गणितज्ञ के रूप में है. बीस वर्ष पूर्व सक्रिय राजनीती को अलविदा कह चुके राघव लंगट सिंह कॉलेज मुज़फरपुर में गणित के बिभागध्यक्ष रहे.

अनूप नारायण सिंह
साथ ही साथ गणित की दर्जनों पुस्तकों की रचना की. सम्प्रति वे राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. पिछले रोज राजधानी पटना के फ़्रेज़र रोड अवस्थित चीन गार्डन रेस्टुरेंट में एक प्रेस वार्ता का आयोजन कर उन्होंने सीवान के बरहरिया बिधानसभा से चुनाव लड़ने की इक्षा जताई.
उन्होंने कहा कि समय बदला है राजनीती में अच्छे लोगों का आगमन हो रहा है. जनदबाव में वे चुनाव लड़ने के इक्षुक हैं.
यह पार्टी को तय करना है कि उन्हें चुनाव में उमीदवार बनाया जाये या नहीं .एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बिहार में इस बार एनडीए को पूर्ण बहुमत मिलेगा साथ ही लालू नितीश का महा गठबंधन भी आपसी कलह के कारण टूटेगा. नितीश लालू की छाया से डर रहे है.गठबंधन के बावजूद खुद का प्रचार कर रहे है लालू को भुजंग की संज्ञा दे रहे हैं.
कौन हैं राधव सिंह
एक जमाने में राघव सिंह उत्तर बिहार में गणित के सबसे सम्मानित प्रोफेसरों में से एक माने जाते थे. गणित में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों की पहली पसंद राघव सिंह ही हुआ करते थे. इनकी लोकप्रियता से प्रभावित हो कर कर्पूरी ठाकुर ने पहली बारचुनाव मैदान में उतारा लेकिन वह चुनाव हार गये. समाजवादी धारे से प्रभावित राघव सिंह पहली बार 1985 में विधानसभा का चुनाव जीते. लेकिन 1990 आते-आते सीवान अपराधिक राजनीतिक का गढ़ बन गया और 1990 में वह चुनाव हार गये.
उसके बात उनका राजनीति से मोहभंग हो गया. लेकिन अब राघव सिंह मानते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में अच्छे लोगों के राजनीति में स्पेस बना है. इसलिए अच्छे लोगों को जरूर राजनीति में कदम रखना चाहिए.
Comments are closed.