उप राष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ने छात्रों से देश के संविधान में प्रतिष्ठापित समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने का आह्वान किया है। श्री अंसारी ने आज राजधानी पटना के प्रतिष्ठित विद्यालयों में शुमार संत माइकल स्कूल के छात्रों के साथ एक इंटरैक्टिव सेशन के दौरान छात्रों को देश के संविधान के पहले पन्ने को पढ़ने की नसीहत दी। यहां गौर करने वाली बात यह है कि संविधान के पहले पन्ने पर लिखे प्रस्तावना को ‘संविधान की कुंजी’ कहा जाता है। प्रस्तावना के अनुसार, संविधान के अधीन समस्त शक्तियों का केंद्रबिंदु अथवा स्त्रोत ‘भारत के लोग’ ही हैं।
उपराष्ट्रपति ने छात्रों के सवालों का दिया जवाब
विद्यालय के 12वीं कक्षा के छात्र पीयूष शिवम के देश की राजनीति में नैतिक मूल्यों को लेकर पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में उप राष्ट्रपति ने कहा कि राजनीति में प्रतिबद्धता सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए । यदि आप राजनीति के पूरे कार्यप्रणाली को देखगें तो आप पायेंगे कि यही इसके नियम है और आपकों इसके अधीन ही चलना होगा। नैतिक मूल्यों को लेकर पूछे गये प्रश्न के दूसरे भाग पर, श्री अंसारी ने कहा कि इस प्रश्न के उत्तर के लिए क्या बहुत दूर जाने की जरूरत है? आपके आसपास ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और भगवान बुद्ध से जुड़े स्थान है। उच्च नैतिक मूल्यों के लोग भले ही अलग -अलग धर्मों से संबंधित हो सकते है, लेकिन एक अच्छे जीवन की परिकल्पना बगैर अच्छे नैतिक मूल्यों नहीं की जा सकती । आठवीं कक्षा के छात्र गार्गी राज द्वारा शैक्षणिक सुधारों को लेकर पूछे गये एक सवाल के जवाब में श्री अंसारी ने कहा कि हमारी शिक्षा प्रणाली में कुछ भी गलत नहीं है, इसमें कुछ कमियां है। गलतियां हम लोगों में है।