एक तरफ गोकशी पर इंसानों की जान तक लेने की घिनौनी राजनीति हो रही है तो दूसरी तफ राजस्थान की भाजपा शासित प्रदेश में ढाई साल में 27 हजार गायों की मौत से हाहाकार मच गया है.
हालात इतनी भयावह है कि राजस्थान पत्रिका ने खबर दी है कि राज्य के मुख्य सचिव ओपी मीणा ने गोशाला उपायुक्त शेरसिंह लुहाडिया और प्रबंधक रमेशकुमार शर्मा को निलंबित करने का आदेश दिया है।
राजस्था पत्रकि.पत्रिका डॉट कॉम के अनुसार शनिवार को गोशाला प्रशासन से मिले यह आंकड़े देखकर मंत्री राजपाल सिंह शेखावत, मंत्री प्रभुलाल सैनी और एसीबी अधिकारी देखकर चौंक गए। हालांकि दोनों मंत्रियों ने सफाई दी कि कांग्रेस सरकार की तुलना में गायों की मौत का प्रतिशत कम है। मंत्री व अधिकारियों ने इतना जरूर माना कि गोशाला में बाड़े, नाली और सड़क बनाने में लापरवाही बरती गई। इसी से हालात बिगड़े।
गोशाला के उपायुक्त-प्रबंधक निलंबित
कानोता. हिंगोनिया गोशाला में एक पखवाड़े में 500 से ज्यादा गायों की मौत की खबर देशभर में फैलने के बाद शनिवार को मंत्रियों और अफसरों का अमला गोशाला में टूट पड़ा। राज्य के मुख्य सचिव ओपी मीणा, स्वायत्त शासन मंत्री राजपालसिंह शेखावत, पशुपालन मंत्री प्रभुलाल सैनी, पशुपालन विभाग के मुख्य सचिव कुंजीलाल मीणा, संभागीय आयुक्त राजकिशोर सिंह, महापौर निर्मल नाहटा, एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बजरंगसिंह शेखावत गोशाला पहुंचे। कीचड़ में गिरी पड़ी भूखे-प्यासे गोवंश को देख मुख्य सचिव ओपी मीणा ने गोशाला उपायुक्त शेरसिंह लुहाडिया और प्रबंधक रमेशकुमार शर्मा को निलंबित करने के आदेश दिए। दोनों 15 दिन से अवकाश पर हैं। लुहाडिय़ा के निलंबन आदेश कार्मिक विभाग ने शनिवार रात जारी कर दिया।
मुकदमा वापस लेने की मांग
बकाया भुगतान मिलने के बाद ठेकाकर्मी काम पर लौट आए। मजदूरों ने पशुपालन मंत्री को ज्ञापन देकर राजकार्य में बाधा डालने का मुकदमा वापस लेने की मांग की।
जांच के निर्देश
सैनी ने गोवंशों के गोशाला में लाने से पहले स्वास्थ्य परीक्षण करने का निर्देश दिया। उन्होंने इसी आधार पर गोवंश के वार्ड तय करने को कहा।