डीएसपी हत्या मामले में बढ़ते जन दबाव के कारण भले ही मंत्री राजा भैया ने आज सुबह अखिलेश के दरबार में पहुंच कर इस्तीफा दे दिया पर क्या यह काफी है?
शहीद डीएसपी जियाउल हक की पत्नी और डाक्टरी की पढ़ाई कर रही परवीन आजाद ने मांग की है कि जबतक राजा भैया को गिरफ्तार नहीं किया जाता तब तक उनके महरूम पति को सुपुर्द ए खाक नहीं किया जायेगा.
यूपी में आतंक का पर्याय रहे रसद मंत्री राज भैया पिछले एक साल से खूनखार बनकर उभरे थे. ऐसे में लोगों को मायावती सरकार की याद आने लगी थी जिस दौर में राजा भैया मांद में घुसे हुए थे.
खबरें आ रही हैं कि आज सुबह राजा भैया अखिलेश यादव के पास पहुंचे जहां उन्हें मुख्यमंत्री ने इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया.
लेकिन इतना भर से न तो राजा भैया और न ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर राज्य की जनता का विश्वास लौट सकता है क्योंकि दर्जनों हत्या और फिरौती के आरोपी राजा भैया को मंत्री बनाने का फैसला ही यूपी के लोगों ने पसंद नहीं किया था.
अखिलेश यादव को शायद अपनी गलती का अब एहसास होने लगा है. वो भी तब जब जियाउल हक की हत्या के दूसरे दिन मुसलमानों की एक सभा को संबोधित करने पहुंचे पूर्व मंत्री ओशोक वापेयी को भीड़ ने न सिर्फ बोलने से रोका बल्कि मंच छोड़ने को बेबस कर दिया.
इधर लोगों में इस बेचैनी को देखते हुए अब अखिलेश सरकार में मंत्री आजम खान ने कहा है कि डीएसपी के मर्डर से सरकार का सिर शर्म से झुक गया है. वहीं यूपी की पूर्व सीएम और बसपा प्रमुख मायावती ने केंद्र से दखल देने की मांग करते हुए कहा कि यूपी में गुंडों और माफियाओं का राज है.