केंद्र सरकार ने राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दे दिया है। यह बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय गया और मोतिहारी के बाद तीसरा केंद्रीय विश्वविद्यालय हो गया है। इसके समझौते पर आज केंद्र और बिहार सरकार के अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए। इस दौरान मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के साथ राज्य के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह समेत कई वरीय अधिकारी मौजूद थे।
इस मौके पर राधामोहन सिंह ने राज्य में करनाल की डेयरी रिसर्च इकाई, गन्ना अनुसंसाधन केंद्र व सूखा रिसर्च इंस्टीट्यूट खोलने की घोषणा की। केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि सीएम मांझी की सक्रियता और सकारात्मक पहल की वजह से लंबित प्रस्ताव को स्वीकृति मिल सकी। उन्होंने कहा कि छह माह के अंदर सारण में कृषि कॉलेज खोल दिया जाएगा। सीतामढ़ी-मधुबनी में फिशरीज कॉलेज, नवादा, गया, औरंगाबाद व मुंगेर क्षेत्र में भी कृषि कॉलेज खोला जाएगा। डिम्ब्ड यूनिवर्सिटी का भी केंद्र बिहार में खोला जाएगा।
उन्होंने कहा कि सिंचाई की व्यवस्था करना केंद्र सरकार की पहली प्राथमिकता है। सिंचाई से संबंधित विभिन्न चार योजनाओं को मिला कर इस वर्ष मार्च तक प्रधानमंत्री सिंचाई योजना शुरू हो जाएगी। अभी पूरे देश में 65 फीसदी खेतों में सिंचाई सुविधा नहीं है। किसानों को स्वायल हेल्थ कार्ड दिलाना दूसरी प्रमुखता है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने केंद्र सरकार की इस पहल के लिए राधामोहन सिंह को बधाई दी और कहा कि राज्य के सभी केंद्रीय मंत्री सकारात्मक सहयोग करें तो राज्य का विकास तेजी से होगा।