केंद्र सरकार ने रेलवे लाइनों के दोहरीकरण एवं तिहरीकरण की छह परियोजनाओं एवं एक पुल को आज स्वीकृति दे दी, नौ सौ किलोमीटर से अधिक की इन परियोजनाओं की लागत 10700 करोड़ रुपये से ज़्यादा होगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी। श्री प्रभु ने बताया कि इन परियोजनाओं के लिये बजटेत्तर संस्थागत संसाधनों से धन जुटाया जाएगा। इनमें कर्नाटक में हुबली-चिकाजूर रेलवे लाइन (190 किलोमीटर) का दोहरीकरण, महाराष्ट्र के वर्धा सेवाग्राम से तेलंगाना के बल्हारशाह के बीच रेलवे खंड (132 किलोमीटर) के तिहरीकरण, झारखंड के रमना से मध्यप्रदेश के सिंगरौली तक रेललाइन (160 किलोमीटर) के दोहरीकरण, मध्यप्रदेश में अनूपपुर-कटनी रेल खंड (165 किलोमीटर) के तिहरीकरण, मध्यप्रदेश में ही कटनी-सिंगरौली रेललाइन (261 किलोमीटर) के दोहरीकरण तथा बिहार में पटना -बेगूसराय को जोड़ने वाले राजेन्द्र पुल का अतिरिक्त पुल एवं रेललाइन के दोहरीकरण की परियोजनायें शामिल हैं। श्री प्रभु ने बताया कि इनमें कई परियोजनायें कोयला खनन क्षेत्रों में हैं।
उधर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) को दूरसंचार आयोग में अंशकालिक सदस्य के तौर पर नामांकित किये जाने के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी। पहले योजना आयोग का सचिव दूरसंचार आयोग में अंशकालिक सदस्य होता था लेकिन अब योजना आयोग के स्थान पर नीति आयोग गठित कर दिया गया है। दूरसंचार आयोग का गठन 11 अप्रैल 1989 को की गयी थी और इसका मकसद देश में दूरसंचार क्षेत्र के विकास को गति देना था।