राज्यसभा की मंजूरी बिना बेमौत मारा जायेगा मोदी सरकार का तीन तलाक कानून.
इर्शादुल हक, एडिटर नौकरशाही डॉट कॉम
मोदी सरकार ने तीन तलाक कानून को कैबिनेट से पास कर दिया है. इस मामले में राज्यसभा में बुरी तरह नाकाम होने के बाद के अब इसे अध्यादेश के सहारे लागू करेगी लेकिन संभावना है कि यह कानून राज्यसभा से पारित न होने के चलते रद्दी का टुकड़ा बन के रह जायेगा.
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तो सवाल यह है कि मोदी सरकार ने आखिर ऐसा क्यों किया कि बिना संसद के दोनों सदनों से पारित हुए इसे आर्डिनेंस के जरिये कानूनी रूप देना चाहती है? संविधान के अनुच्छेद 123 के मुताबिक सरकार संसद में पास न होने की स्थिति में राष्ट्रपति के अध्यादेश के रूप में कानून लागू करने का अधिकार रखती है. लेकिन इसके लिए शर्त यह है कि आने वाले संसदीय सेशन में इसे पास करवाना होगा. और अगर संसद इसे पारित नहीं करती है तो यह कानून रद्द समझा जायेगा.
मोदी सरकार ने यह बिल लोकसभा में पेश किया था. जिसे वहां से पारित कर दिया गया. लेकिन जब पिछली बार इसे राज्य सभा में पेश किया गया तो वहां मोदी सरकार को आवश्यक समर्थन नहीं मिला जिसके कारण यह बिल कानून नहीं बन पाया. ऐसे में सरकार ने इसे कैबिनेट से पास कराकर राष्ट्रपति के आदेश के सहारे लागू करना चाहती है. ज्यादा संभवाना है कि संसद में इसे कानूनी शक्ल देने में मोदी सरकार को हार का सामना करना पड़ सकता है.
आखिर मोदी सरकार को पता है कि तलाक बिल को राज्यसभा में पास करवाने के लिए उसके पास आवश्यक संख्याबल नहीं है. वह अपनी जिद्द पर कानून थोपना चाहती है. आखिर क्या है उसकी मंशा-
- दर असल तीन तलाक पर कानून बना कर वह विपक्ष को घेरना चाहती है. भाजपा चाहती है कि अगर यह बिल अगले सत्र में पास नहीं हुआ तो वह इसके लिए विपक्ष को जवाबदेह करार देगी और विपक्षियों पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगा कर हिंदू वोटों को गोलबंद करना चाहेगी.
- तीन तलाक कानून मोदी सरकार हथियार के रूप में इस्तेमाल करना चाहती है. वह बहुसंख्य हिंदुओ को यह बताना चाहती है कि वह मुसलमानों से जुड़े मुद्दे पर पूरी ताकत से अपने एजेंडा पर अमल करना चाहती है लेकिन उसे बहुमत नहीं था इसलिए वह इसे लागू नहीं कर सकी इसलिए 2019 में उसे बहुमत फिर से मिले तो वह इस कानून को लागू करके रहेगी. गोया कि इस कानून के सहारे वह तलाकपीड़ित महिला की भलाई चाहने के बजाये वोट बटोरने के एजेंडे पर काम कर रही है.
3. भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे ध्यान भटकाने का हरबा
मोदी सरकार ऐसे समय में जब भ्रष्टाचार, विजय माल्या समेत अन्य भगोड़ों द्वारा अरबों रुपये ले कर भाग जाने के मुद्दे पर विपक्ष का जवाब नहीं दे पा रही है तो वह इन मुद्दों से आम लोगों और पालिटकल पार्टीज का ध्यान भटकाने के लिए तीन तलाक कानून को मुद्दा बनाना चाहती है.