केंद्र व राज्य सरकारों के बीच संबंध को बेहतर, विश्वसनीय और प्रभावी बनाने के लिए केंद्र ने कवायद शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न विभागों के सचिवों के साथ बैठक कर यह संकेत पहले ही दे दिया था कि कार्यशील और सक्षम प्रशासनिक व्यवस्था तथा लोककल्याणकारी कार्यसंस्कृति उनकी प्राथमिकता है।
इसी को आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय कार्मिक विभाग के राज्य मंत्री जीतेंद्र सिंह ने अगले महीने राज्यों के कार्मिक विभाग (सामान्य प्रशासन विभाग) के प्रधान सचिवों की बैठक बुलायी है।
इस दौरान केंद्र और राज्यों के संबंधों पर खुले मन से चर्चा होगी। इसमें कैडर निर्धारण, प्रतिनियुक्ति समेत कई मुद्दों पर चर्चा होगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार, केंद्रीय राज्य मंत्री जीतेंद्र सिंह ने इस संबंध में राज्यों के मुख्य सचिवों से 7 जुलाई तक राय मांगी है।
इसके बाद प्रस्तावित बैठक के एजेंडें तय किये जाएंगे और इसकी सूचना अलग से भेजी जाएगी। उसमें बैठक के एजेंडे के साथ तिथि व कार्यसूची भी शामिल होगी।
सूत्रों की मानें तो बैठक का मुख्य मकसद प्रशासनिक व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाकर कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना है। साथ ही प्रधान मंत्री अब सीधे राज्यों के कैडर की कार्यशैली व कार्यसंस्कृति पर नियंत्रण रखना चाहते हैं।
भारतीय प्रशासिनक सेवा के अधिकारियों पर नियंत्रण होने के बाद राज्यों के प्रशासनिक सेवा के कार्यों पर निगरानी करना संभव हो जाएगा। इस प्रकार संघीय राजनीतिक ढांचे में अप्रत्यक्ष रूप से एकल प्रशासनिक व्यवस्था बनाना ही प्रधानमंत्री का मकसद हो गया लगता है।