उत्तर प्रदेश की राजनीति में अमर सिंह और मुलायम सिंह यादव कभी एक-दूसरे के पर्याय माने जाते थे। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से दोनों के रिश्तों में खटास आ गया था। अमर सिंह ने पार्टी छोड़ दी थी। इस बीच राज्य सभा में अमर सिंह का कार्यकाल भी नवंबर में समाप्त हो रहा है। इस वजह से अमर सिंह अब सपा में वापस आकर राज्यसभा में अपनी कुर्सी बचाए रखने की जुगत में लग गए हैं। इसकी शुरुआत आज से होने की संभावना जतायी जा रही है।
छोटे लोहिया के नाम से मशहूर जनेश्वर मिश्र की मंगलवार को जयंती के मौके पर जब पूरा समाजवादी परिवार एकजुट हो रहा है तो सत्ता के गलियारों में पुराने समाजवादी अमर सिंह की चर्चाएं भी जारी हैं। वह फिलहाल राष्ट्रीय लोकदल में हैं, लेकिन मंगलवार को लखनऊ में जनेश्वर मिश्र पार्क के लोकार्पण समारोह में सिंह के भी आने का कार्यक्रम है। इस मंच पर सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अलावा प्रदेश सरकार के कई मंत्री मौजूद रहेंगे। अमर सिंह के करीबी सूत्रों का दावा है कि वह सपा मुखिया के निजी न्योते पर आ रहे हैं। खुद श्री सिंह ने भी नई दिल्ली में कुछ मीडियावालों से इसकी पुष्टि की।
जबकि सपा के सूत्रों का कहना है कि जनेश्वर मिश्र के जन्मदिवस पर उनके नाम के पार्क का लोकार्पण कार्यक्रम सरकारी है, न कि पार्टी का। ऐसे में उसमें अमर सिंह के शिरकत करने को उनके सपा में शामिल होने की संभावनाओं से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए। वैसे, मंगलवार के कार्यक्रम में उनकी मौजूदगी से उनके सपा में लौटने की आहट तेज हो गई है। 2009 के लोकसभा चुनावों के बाद सपा से निष्कासित किए जाने के बाद श्री सिंह पहली बार पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ मंच साझा करेंगे। उनके सपा के करीब आने का एक पहलू यह भी है कि उनका राज्यसभा का कार्यकाल इसी साल 25 नवंबर को खत्म हो रहा है। ऐसे में अगर उन्हें कोई पार्टी दोबारा यूपी से राज्यसभा में भेज सकती है तो वह सपा ही होगी। सपा मुखिया की इच्छा के बगैर यह संभव भी नहीं।