नक्सली हिंसा के मामले में पिछले वर्ष तीसरे स्थान पर रहा बिहार इस वर्ष पांचवें पायदान पर पहुंच गया, जो एक बड़ी उपलब्धि है। बिहार के अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) एस. के. सिंघल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के सचिव राजीव गौबा द्वारा राज्य के मुख्य सचिव दीपक कुमार और पुलिस महानिदेशक के. एस. द्विवेदी को लिखे पत्र को पत्रकारों से साझा करते हुये बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार नक्सलियों के खिलाफ लगातार चलाये गये अभियान की बदौलत बिहार में नक्सली घटनाओं में वर्ष 2016, 2017 और 2018 में क्रमिक रूप से कमी आई है।
श्री सिंघल ने बताया कि वर्ष 2016 में बिहार में 100 नक्सली वारदात हुई थी, वर्ष 2017 में यह घटकर 71 और अगस्त 2018 तक कम होकर 25 रह गई है। उन्होंने बताया कि नक्सली घटनाओं के आधार पर पिछले वर्ष बिहार तीसरे स्थान पर था, जो वर्ष 2018 में पांचवें पायदान पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि यह राज्य के लिए बड़ी उपलब्ध है। अपर पुलिस महानिदेशक ने बताया कि नक्सली मुठभेड़ में वर्ष 2016 में 13 पुलिसकर्मी शहीद हुये थे और अगस्त 2018 में केवल एक पुलिसकर्मी शहीद हुये हैं। उन्होंने बताया कि वहीं, नक्सली हिंसा में वर्ष 2016 में 13 और 2017 में 17 लोग मारे गये जबकि इस वर्ष अगस्त तक यह संख्या छह रही है। इस तरह नक्सली वारदातों में शहीद हुये पुलिसकर्मी और मारे गये लोगों की संख्या में भी उत्तरोत्तर कमी आई है।
श्री सिंघल ने बताया कि वर्ष 2016 में 468, इसके अगले वर्ष 383 वहीं अगस्त 2018 तक 262 उग्रवादी गिरफ्तार किये जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 में गिरफ्तार नक्सलियों के पास से लेवी के रूप में वसूल किये गये 435680 रुपये, इसके अगले वर्ष 192600 रुपये वहीं इस वर्ष अगस्त तक 926772 रुपये बरामद किये गये हैं। अपर पुलिस महानिदेशक ने बताया कि केंद्रीय गृह सचिव ने उग्रवाद उन्मूलन के लिए बिहार पुलिस की ओर से चलाये गये अभियान की प्रशंसा की है।