पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी राज्यसभा में नहीं जाएंगी। वे विधान परिषद सदस्य के रूप में पार्टी और परिवार का मार्गदर्शन करती रहेंगी। हाल के दिनों में राबड़ी देवी के राज्य सभा जाने की चर्चा काफी तेज थी और इसके लिए आधार गिनाए जा रहे थे। बताया जा रहा था कि जून-जुलाई में होने वाले राज्य सभा की पांच सीटों में से दो राजद कोटे में जाएगी, जिसमें से एक सीट पर राबड़ी देवी संसद में जा सकती हैं।
वीरेंद्र यादव
प्राप्त जानकारी के अनुसार, राजद की राष्ट्रीय परिषद की बैठक के बाद अपने आवास पर लालू यादव ने करीबी नेताओं से चर्चा में कहा कि राबड़ी देवी पटना में ही पार्टी और परिवार का मार्गदर्शन करेंगी। वे खुद देश व्यापी दौरा कर भाजपा व सांप्रदायिक शक्तियों के खिलाफ नया मोर्चा खड़ा करेंगे। पार्टी के वरीय नेताओं से कहा कि सबको मिलकर बिहार के विकास के लिए काम करना चाहिए।
एक अनार, सौ बीमार
लालू यादव से मिले संकेत बाद के राबड़ी देवी और राज्य सभा की संभावनाओं पर विराम नहीं लग जाएगा। पार्टी में दर्जनों नेता विधान परिषद और राज्यसभा के लिए आस लगाए हुए हैं। कोई अनुभव के आधार पर दावा कर रहा है तो कोई सामाजिक समीकरण के आधार पर संभावनाओं की जड़ तलाश रहा है। इसके लिए पैरवी और लॉबिंग की प्रक्रिया भी शुरू हो गयी है। विभिन्न राजनीतिक कार्यक्रमों के माध्यम से शक्ति प्रदर्शन की कोशिश की जा रही है। एक अनार सौ बीमार वाली कहावत लागू हो रही है।