भाजपा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बिहार के वित्तीय प्रबंधन में पूरी तरह से विफल होने का आरोप लगाते हुये आज कहा कि श्री कुमार की यह आदत हो गयी है कि जब भी उनकी विफलता उजागर होने लगती है, वो चिट्ठी लिखकर केन्द्र सरकार के माथे ठीकरा फोड़ने लगते हैं।
मुख्यमंत्री ने अभी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में 10वीं, 11वीं और 12 पंचवर्षीय योजना के तहत राज्य में चल रही विभिन्न परियोजनाओं की विस्तार से चर्चा करते हुये वित्त वर्ष 2016-17 में 10वीं एवं 11वीं पंचवर्षीय योजना में शुरू परियोजनाओं का काम पूरा करने के लिए 494.34 करोड़ रुपये जबकि 12वीं योजना के तहत लंबित परियोजनाओं के लिए अवशेष 4,998.77 करोड़ रुपये समेत कुल 5,493.11 करोड़ रुपये जारी करने का अनुरोध किया है।
इस पर पलटवार करते हुये भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं लोक लेखा समिति के सभापति नंदकिशोर यादव ने कहा कि राज्य की सरकार वित्तीय प्रबंधन में पूरी तरह विफल हो चुकी है। श्री कुमार की यह आदत हो गयी है कि जब भी उनकी विफलता उजागर होने लगती है, वो चिट्ठी लिखकर केन्द्र सरकार के माथे ठीकरा फोड़ने लगते हैं। बेहतर होता कि नीतीश जी चिट्ठी लिखने के बजाय राजस्व संग्रहण में तेजी और योजना मद की राशि खर्च करने की गति तेज करने पर ध्यान देते। ऐसा नहीं हुआ तो राशि के लैप्स होने या फिर मार्च लूट की आशंका व्याप्त रहेगी। श्री यादव ने कहा कि नीतीश सरकार के वित्तीय प्रबंधन के कारण खजाने की हालत डांवाडोल हो गई है। न तो चालू वित्ती वर्ष में निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप राजस्व की वसूली हो पा रही है और न ही योजना मद की राशि खर्च की जा सकी है।