राज नाथ सिंह जी आप देश के अब तक के सबसे कमजोर, बेबस और तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने वाले गृहमंत्री के रूप में पहचान बना चुके हैं. आप देश और सरकार की भारी किरकिरी करा चुके हैं. अब बस भी कीजिए.
मुकेश कुमार
तथ्य नम्बर एक
14 फरवरी 2016 को राजनाथ सिंह जी ने कहा था कि “JNU की जो घटना हुई है,उसे लश्कर-ए-तैयबा के चीफ हाफिज सईद का भी समर्थन प्राप्त है. देश को इस हकीकत को भी समझना चाहिए.” राजनाथसिंह के इस कथन का आधार एक ट्विट था.
@HafeezSaeedJUD के हैंडल से एक ट्विट किया गया था जिसमें यह कहा गया था “हम अपने पाकिस्तानी भाइयों से गुजारिश करते हैं कि वो हमारे पाकिस्तान समर्थक JNU के भाइयों के लिए #SupportJUN को ट्रेंड करें. यह कितनी शर्मनाक बात है कि देश का गृहमंत्री कथित तौर पर एक फर्जी ट्विटर हैंडल के आधार पर किसी घटना में विदेशी शक्तियों का हाथ बताते हैं और जब इस पर आप से सुबूत मांगा जाता है तो आप साक्ष्यों को न्यायालय में प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं.
अगर आप सचे हैं और इस आरोप को गलत साबित करने के लिए कोई रिपोर्ट आपके पास है तो अब तक क्यों नहीं प्रस्तुत किया गया है. क्या इस घटना को सियासी रंग देने की एक चाल के रूप में नहीं देखा जा रहा है ? और अगर यह आरोप सही है तो यह बड़ी संगीन बात है.
राजनाथ सिंह को इसका साक्ष्य देना होगा. जिसमें देश का गृह मंत्री बिना किसी ठोस सबूतों के किसी संस्था पर देशद्रोह को बढ़ावा देने के लिए दोष आरोपित कर देते हैं. दूसरी तरफ लश्कर-ए-तैयबा चीफ हाफिज सईद ने वीडियो रिलीज कर कहा कि JNU के पीछे उसका हाथ नहीं है.उसने कोई ट्विट नहीं किया. जिस ट्विटर खाते से ट्विट किया गया, वो फर्जी है. एक अन्य ट्विट में हाफिज सईद को यह कहते हुए पढा गया कि भारत की सरकार अपने ही नागरिकों को मेरे फेक अकाउंट से मूर्ख बना रही है.
राजनाथसिंह किसी पार्टी के प्रवक्ता के तौर पर यह नहीं कह रहे हैं बल्कि यह देश के गृहमंत्री के तौर पर कह रहे हैं,अगर साक्ष्य है तो प्रस्तुत करे नहीं तो देश को गुमराह करने के लिए माफ़ी मांगें.
तथ्य नम्बर दो
राजनाथ सिंह जी, आप देश के कैसे गृहमंत्री हैं जिनको यह भी पता नहीं होता कि पठानकोट में आतंकी हमला खत्म हुआ या जारी है. यह आप ही थे जिन्होंने आनन-फानन में शाम 6.50 बजे ट्वीट कर घोषणा की कि पठनाकोट में सारे आतंकवादी मार गिराये गये. आप ही ने घोषणा की कि ‘देश को अपने सुरक्षा बलों पर गर्व है जो हमेशा वक्त पर तैयार रहते हैं.मैं पठानकोट में सफल कार्रवाई के लिए सुरक्षा बलों को सलाम करता हूं.’ जबकि यह अभियान लगातार पांच दिनों तक चलता रहा.आप कैसे गृहमंत्री हैं जिनको अपने देश के सैन्य अभियान के बारे में भी सही जानकारी नहीं मिलती है.
तथ्य नम्बर तीन- लाचारी
आपकी लाचारी और कमजोरी तब और दिखाई देती है जब आपके पसंदीदा नाम अजित लाल को दरकिनार करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय ने संयुक्त ख़ुफ़िया कमिटी के मुखिया आर.एन. रवि को नगा शांति वार्ता हेतु नया वार्ताकार नियुक्त किया. इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप के कारण आप अपने पसंदीदा व्यक्ति को निजी सचिव नहीं बना पाए.
तथ्य नम्बर चार- अज्ञानता
गृहमंत्री जी आप लाचार और अज्ञानी तब भी दिखते हैं जब एक संवाददाता सम्मलेन में यह पूछा जाता है कि ‘क्या गृह मंत्रालय हाफिज सईद के संगठन ‘जमात-उ-दावा’ को आतंकवादी संगठन मानता है.’ और आप अपनी बेबसी छुपाने के लिए हंसते हुए गलत जवाब देते हैं. सूत्रों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि JNU मामले को जिस तरह से हैंडल किया गया उसको लेकर अरुण जेटली से मतभेद था. जिस तरह से इस मामले को तूल दिया गया इस प्रकरण से अरुण जेटली असहमत थे. इससे अरुण जेटली और आपके बीच मतभेदों का भी पता चलता है.
तथ्य नम्बर पांच
शर्मिंदगी का एक और नमूना
पटियाला हाउस दिल्ली में कन्हैया पर हमला करने वाला विक्रम चौहान की आपके साथ की तस्वीर आपको कमजोर और शर्मिंदा करने के लिए काफी है. कन्हैया पर आक्रमण करके भी खुले घूम रहे थे और दिल्ली पुलिस ने तबतक गिरफ्तार नहीं किया जब तक कि एक टीवी स्टिंग में खुलासा नहीं हुआ. यह दिखाता है कि किस तरह आपकी पकड़ दिल्ली पुलिस पर है. यह आपको कमजोर और बेहद कमजोर बनाता है.
तथ्य नम्बर छह- कमजोर गृहमंत्री
राजन नाथ सिंह जी, पंकज सिंह मामले में आप के पर कतरे जा चूके है जो आप को और कमजोर बनाता है. जिस पद को आपने सुशोभित किया है कभी उसको लौह पुरुष सरदार पटेल ने भी धारण किया था.जिन्होंने भारत को मजबूत किया था.आप अपनी कमजोरी, अज्ञानता और अगंभीरता से देश और पद की गरिमा को काफी नुकसान पहुंचा चुके हैं. या तो अब बस कीजिए और खुद ही यह जिम्मेदारी किसी मजबूत कांधों को सौंप दीजिए.[author image=”https://www.facebook.com/mukesh29kumar” ]लेखक पंजाब विश्वविद्यालय में रिसर्च फेलो हैं.[/author]