पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अश्विनी कुमार चौबे की उन्हें घूंघट में रहने की सलाह को महिलाओं का अपमान बताया है। राबड़ी देवी ने श्री चौबे की उन्हें घूंघट में रहने और बयान देने से बचने की सलाह पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आज कहा कि इस तरह का बयान देश की सभी महिलाओं का अपमान है। उन्होंने कहा कि भाजपा ‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ’ की बात कहती है लेकिन उसके नेताओं का आचरण इसके ठीक विपरीत है। श्री चौबे भाजपा नेताओं की मानसिकता को उजागर कर रहे हैं। जनता को ऐसे लोगों से सचेत रहने की जरूरत है ।
पूर्व मुख्यमंत्री ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर ट्वीट कर भी कहा, ‘चौबे जी, घूंघट वाली महिलाओं से इतनी नफ़रत और भय क्यों ? क्या यही है आपके नरेंद्र मोदी जी का महिला सशक्तिकरण ? यह है बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ ? आप जैसे चौबे, छब्बे और दूबे की पितृसत्ता से सूबे को हमने छूटकारा दिलाया तो उसकी पीड़ा आपके बयान में नज़र आ रही है। इतना बेशर्म मत बनिये।’
श्रीमती राबड़ी देवी ने अगले ट्वीट में भोजपुरी में श्री चौबे पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि चौबे जी, औरत को घूँघट में रखते हैं तो फिर औरत से क्यों डर लगता है ? पांच साल क्षेत्र में नहीं घूमे तो औरत कहीं उनकी दाढ़ी नोच न लें इसका डर लग रहा है ? जब क्षेत्र में वोट मांगने जायेंगे तब औरतों से उन्हें जवाब मिलेगा ।
पूर्व मुख्यमंत्री ने एक अन्य ट्वीट कर कहा, ‘’सुनो अश्विनी चौबे, पहले तुम्हारी सरकार में मंत्री और महिला नेत्री स्मृति ईरानी, निर्मला सीतारमण, सुषमा स्वराज, मेनका गांधी, वसुंधरा राजे सिंधिया को तो घूंघट में रखिए। भाजपा की महिला नेता छुट्टी घूमेंगी और दूसरी घूंघट में ? क्या यही है तुम्हारी महिला विरोधी पितृसत्तात्मक संघी संस्कार ?’’
श्रीमती राबड़ी देवी ने सख्त लहजे में कहा, ”श्री चौबे जैसे संघी भूल गए हैं कि मोहन भागवत जैसे बूढ़े संघी लोगों की हाफ़ पैंट से फुल पैंट में हमने ही करवाया था। मनुवादी भाजपाई घृणित मानसिकता के महिला विरोधी लोग हैं। ये भाजपाई मानसिक रूप से विक्षिप्त जीव हैं। पता नहीं घर में अपनी मां-बहन,बेटी को कैसे सम्मान देते है? ’