भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए बिहार सरकार केन्द्र पर भ्रामक आरोप लगा कर जनता को बरगला रही है, जबकि हकीकत है कि केन्द्र से मिली राशि खर्च करने में वह खुद फिसड्डी बनी हुई है। श्री मोदी ने पटना में कहा कि केन्द्र की अनेक योजनाओं में राशि की उपलब्धता के बावजूद बिहार सरकार गलतबयानी कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत पर्याप्त राशि उपलब्ध होने के बावजूद जहां पूरे देश में बिहार की स्थिति सबसे खस्ता है। वहीं नई सड़कों के निर्माण और पुरानी सड़कों के उन्नयन में भी पिछड़ा हुआ है। बिहार सरकार को बताना चाहिए कि समय पर राशि खर्च नहीं हो पाने के लिए कौन जिम्मेवार है। श्री मोदी ने कहा कि बिहार सरकार बताये कि क्या खर्च नहीं कर पाने की वजह से ही राज्य में नई सड़कों के निर्माण की गति धीमी नहीं हो गई है । बिहार में 47849 किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण कराना है, जबकि अक्तूबर 2014 तक मात्र 25711 किलोमीटर सड़कें ही बन पाई हैं।
उन्होंने कहा कि सड़कों के उन्नयन में भी बिहार सरकार फिसड्डी रही है । तय लक्ष्य 7235 किलोमीटर सड़कों के विरूद्ध मात्र 5579 किलोमीटर सड़कों का उन्नयन ही हो पाया है। पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की 27184 बस्तियों को सड़क सम्पर्क उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय किया गया है, लेकिन अक्टूबर 2014 तक मात्र 12715 टोले और बसावटों को ही सड़कों से जोड़ा जा सका है। उन्होंने कहा कि सरकार बताये कि क्या वह शेष बची बस्तियों को अगले चार महीने में सड़क सम्पर्क से जोड़ पाएगी।