चुनाव आयोग राष्ट्रपति का चुनाव 17 जुलाई को कराने की घोषणा कर चुका है. नामांकन करने की अंतिम तिथि 28 जून तक हैं. उम्मीदवार की घोषणा हुई दोनों मुख्य दलों की ओर से हो चुका है. जहां एनडीए की ओर से बिहार के राज्यपाल राम नाथ कोविंद हैं तो वहीं यूपीए की ओर से बिहार की बेटी एवं पुर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार जीनके पिता जवाहर लाल नेहरू के कैबिनेट से लेकर मुरार जी देसाई के सरकार में उप प्रधानमंत्री रह चुके हैं. जिनके नाम एक और बड़ा रिकार्ड है सबसे अधिक समय तक केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री रहने का है.
जैन साहब उस्मानी, नौकरशाही डॉट कॉम
चलिए अब आपको लिए चलता हूं क्या, कैसे और क्या है. राजनीतिक समीकरण हां इस बार राष्ट्रपति चुनाव में एक और बात बहुत मजेदार दिखाई पड़ रहा है कि दोनों ओर से दलित प्रत्याशी उतारकर दलित वोट बैंक को अपने-अपने पाले में करने की जोरदार कोशिश हो रही है और कौन कितना कामयाब होता है ये तो 2019 के लोकसभा चुनावों के नतीजों के बाद साफ़ होगा.
चुनाव समीकरण,
जहां वोट की बात है तो अब-तक तो ये साफ़ हो चुका है की NDA के प्रत्याशी कोविंद की जीत तय है और इस में NDA को पांच विपक्षी दलों का भी समर्थन प्राप्त है. TRS, YSRCP, AIADMK, BJD और संघ मुक्त राजनीति की हुंकार भरने वाले नीतीश कुमार की JDU काम भी समर्थन प्राप्त है. समर्थन देने वाले दलों में YSRCP को छोड़कर चारों दल अपने अपने राज्यों में सत्ता में है, जिससे NDA की लगभग आसान हो चुकी है|
UPA सहित 17 दलों के ओर से एक प्रत्याशी उतारकर एक मजबूत विपक्ष होने का संदेश जनता तक जा चुका है और विपक्ष के इस निर्णय से 2019 के लोकसभा चुनाव में NDA के विरुद्ध एक मजबूत गैर भाजपा गठबंधन बनने की रूपरेखा भी दिखाई दे रही है.
वोट देने का अधिकार एवं वोटों का अनुपात,
राष्ट्रपति के चुनाव में संसद के दोनों सदनों के चुने गए सदस्य वोट देते हैं. फिलहाल लोकसभा में 543 और राज्यसभा में 233 यानी कुल 776 निर्वाचित सदस्य हैं. इसके अलावा देश की सभी विधानसभाओं के 4120 सदस्य भी राष्ट्रपति के चुनाव में वोट देंगे. इनमें दिल्ली और पुदुचेरी के भी विधायक शामिल हैं.
किसी राज्य के एक विधायक की वोट कीमत राज्य की जनसंख्या के आधार पर तय होती है. एक विधायक के वोट की कीमत 1971 की जनगणना और राज्यों में विधायकों की संख्या के आधार पर तय की जाती है. इसका फॉर्मूला है- राज्य की जनसंख्या (1971 में)/विधायकों की संख्या×1000
उदाहरण के तौर पर यूपी के विधायक के वोट का मूल्य 208 है, जो की सबसे अधिक है. वहीं, सिक्किम के विधायक के वोट का मूल्य महज 7 है. सभी विधायकों के कुल वोटों के मूल्य जितना ही सांसदों के वोटों का मूल्य होता है. सभी राज्यों के सांसदों के वोट का वजन एक बराबर होता है.
549474 (सभी विधायकों के वोटों का मूल्य)/776 (सांसदों की संख्या)= 708
सांसदों के कुल वोटों की वैल्यू: 708 X 776 = 5,49,408
राष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल मतदाता = विधायक (4120) + सांसद (776) = 4,896
इस साल के राष्ट्रपति चुनाव में सभी मतदाताओं के कुल वोटों की कीमत = 549474 + 549408 = 10,98,903
जितने के लिए किसी भी प्रत्याशी को 549452 वैल्यू के वोट चाहिए होंगे.