कांग्रेस ने मोदी सरकार पर राज्यपालों के जरिए संघ के एजेंडे को आगे बढाने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि अरुणाचल प्रदेश में जिस तरह से राष्ट्रपति शासन लगाया जा रहा है, वह संविधान का उल्लंघन है और कांग्रेस इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने नई दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में विशेष संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार ने राज्यपालों का इस्तेमाल संघ प्रचारक के रूप में शुरू कर दिया है और वह उनके जरिए संघ के एजेंडे को आगे बढाने के लिए काम कर रही है। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश को इसी एजेंडे का हिस्सा बताया और कहा कि राज्यपाल ने खुद विधानसभा का सत्र बुलाकर असंवेधानिक कार्य किया है।
संविधान के अनुसार खुद सत्र को नहीं बुला सकते। राज्यपाल को सत्र बुलाने का अधिकार है लेकिन वह मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद की सिफारिश के बाद ही सत्र बुला सकते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा अध्यक्ष की अवहेलना करके उपाध्यक्ष ने सरकार की मर्जी के अनुरूप काम किया है जबकि खुद उपाध्यक्ष को विधानसभा अध्यक्ष ने पहले ही अयोग्य घोषित किया हुआ है।