दिल्ली सामुहिक रेप मामले में पीड़ता के पिता को रिश्वत लेकर चुप रहने की पेशकश करने वाले एसएचओ को मेजर पनिशमेंट हो सकती है उन्हें बर्खास्त किया जा सकता है.
दिल्ली के पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार बताया कि विजिलेंस रिपोर्ट के बाद उनके खिलाफ अडिशनल डीसीपी आसिफ मोहम्मद अली विभागीय जांच कर रहे हैं. यह जांच मेजर पनिशमेंट के लिए की जा रही है.
उन्होंने कहा कि उन्हें बर्खास्त भी किया जा सकता है. जांच एक महीने के अंदर पूरी हो जाएगी.
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मेजर पनिशमेंट के तहत दोषी पुलिस वाले का इंक्रीमेंट रोकने, बखर्स्त करने या पद घटाने आदि की कार्रवाई की जा सकती है.
मालूम हो कि दिल्ली के गांधी नगर में पांच साल की बच्ची के साथ उसी बिल्डिंग के नीचे रहने वाले मनोज और प्रदीप ने 15 अप्रैल को गैंग रेप किया था.
जांच रिपोर्ट में यह बात सही पायी गयी कि एफआईआर दर्ज होने के बाद भी एसएचओ धर्मेंद्र पाल सिंह ने कोई कार्रवाई नहीं की थी जब मामला तूल पकड़ा तो एसएचओ ने पीडिता के मां-बाप को दो हजार रुपये लेकर चुप हो जाने को कहा था.