जनता दल का बिखरा हुआ पहिया (चुनाव चिह्न चक्र) फिर एक होने की ओर अग्रसर है। इसकी पहल भी जनता दल से सबसे पहले अलग होने वाले मुलायम सिंह यादव ही कर रहे हैं। इस दिशा में उनकी अगुआई अब तब दो बैठक हो चुकी है, तीसरी बैठक तीन दिसंबर को संभावित है। इस बीच इस बात की भी चर्चा थी कि लालू यादव की पुत्री राजलक्ष्मी की शादी मुलायम सिंह के पोते तेज प्रताप यादव से होने वाली है। तेज प्रताप यादव अभी हाल ही में हुए उपचुनाव में लोकसभा के लिए चुने गए हैं। यह सीट मुलायम सिंह के इस्तीफे के कारण खाली हुई थी।
बिहार ब्यूरो
इधर बताया जा रहा है कि रिश्ते से पहले लालू यादव और मुलायम सिंह अपनी पार्टी व अपने जनाधार को पुख्ता करना चाहते हैं। इस दिशा में तेजी से पहल की जा रही है। इसके लिए तीन दिसंबर को दिल्ली में मुलायम सिंह के आवास पर पुराने जनता दल के नेताओं की बैठक बुलायी गयी है। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, पूर्व सीएम नीतीश कुमार, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव, राजद प्रमुख लालू यादव समेत तीनों दलों के कुछ अन्य नेताओं के भी शामिल होने की उम्मीद है। इससे पहले भी दो बार इन नेतओं की बैठक हो चुकी है।
माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश और बिहार में भाजपा के बढ़ते प्रभाव और विधानसभा चुनावों में भाजपा को शिकस्त देने की रणनीति पर काम हो रहा है। लोकसभा चुनावों में भाजपा ने सभी क्षेत्रीय क्षत्रपों को ध्वस्त कर उनके लिए खतरे की घंटी बजा दी थी। इन क्षेत्रपों को अपनी साख व जमीन बचाए रखने के लिए एक साथ आना जरूरी हो गया है। वैसे में जनता दल के एकीकरण की बात अस्वाभाविक नहीं है। इसके नेतृत्व पर बहस हो सकती है, लेकिन इसकी अनिवार्यता पर बहस की कोई गुंजाईश नहीं है।