पटना स्थित सतर्कता की एक विशेष अदालत ने रिश्वत के मामले में एक पूर्व अपर समाहर्त्ता को पांच वर्ष के सश्रम कारावास के साथ 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। ब्यूरो के विशेष न्यायाधीश ब्रजमोहन सिंह ने मामले मे सुनवाई के बाद नवादा जिले के तत्कालीन अपर समाहर्त्ता महर्षि राम को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत दोषी करार देने के बाद यह सजा सुनाई है। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर दोषी को एक वर्ष के कारावास की सजा अलग से भुगतनी होगी।
आरोप के अनुसार, ब्यूरो के अधिकारियों ने 09 सितंबर 2016 को नवादा स्थित सरकारी आवास पर दोषी महर्षि राम को एक स्थानीय व्यक्ति से दाखिल-खारिज संबंधी पुनरीक्षण याचिकाओं में उसके पक्ष में फैसला देने के एवज में चार लाख रुपये की रिश्वत लेते हुये गिरफ्तार किया था। ट्रैप की कार्रवाई के दौरान ब्यूरो ने कथित रूप से दोषी के आवास से तीन बोतल महंगी विदेशी शराब और 32 बोर का लाइसेंसी रिवाल्वर भी जब्त किया था, जिसे स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया था।