रुपयाबंदी से ठीक पहले बिहार में 23 स्थानों पर भाजपा द्वारा करोड़ों की जमीन धड़ा-धड़ खरीदने पर जदयू ने जोरदार हमला बोलते इसे सरकार द्वार अब तक का सबसे बड़ा शास्कीय विश्वासघात बताया है.
नोटबंदी के बाद भारतीय जनता पार्टी की बिहार इकाई द्वारा विभिन्न जगहों पर खरीदी गई जमीन के सिलसिले में सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपये के नोटो को प्रतिबंधित किये जाने की जानकारी प्रदेश बीजेपी को पहले से थी. जेडीयू का कहना है कि यही वजह है कि फैसले से पहले बीजेपी ने राज्य में पार्टी कार्यालयों के कई जमीनें खरीदीं.
इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पार्टी के एक अन्य प्रवक्ता नवल शर्मा ने इसे केंद्र सरकार द्वारा अब तक का सबसे बड़ा शास्कीय विश्वासघात बताया है.
भाजपा द्वारा रुपयाबंदी के पहले जमीन खरीद की पूरी कहानी
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी की बिहार इकाई द्वारा राज्य के 23 स्थानों पर कार्यालय खोलने के नाम पर जमीन की खरीददारी की है. ये तमाम खरीददारियां 8 नवम्बर के पहले कर ली गयीं. इन खरीददारियों में खास बात यह है कि सरकार द्वारा निर्धारित दर से कम कीमत पर जमीनें खरीदी गयी जिससे बिहार सरकार को राज्सव में करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा.
उधर भाजपा नेता सुशील मोदी ने इस मामले में कहा कि पार्टी ने जमीन खरीदी है. उन्होंने कहा कि इस पर उनको हिसाब मांगने का कोई हक नहीं है.