रुपयाबंदी से मचे देशव्यापी हाहाकार के बाद लालू प्रसाद ने चुप्पी तोड़ते हुए नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया और कहा है कि लोग परेशान हैं, हालात विसफोटक है और आप भाषण पर भाषण पेल रहे है।
पढ़िये लालू प्रसाद का पूरा बयान
हम काले धन के विरुद्ध हैं पर मोदी सरकार के कृत्य में दूरदर्शिता और क्रियान्वयन का पूर्ण अभाव दिख रहा है।आम आदमी की सहूलियत का ख्याल रखना चाहिए था।
मोदीजी आप 50 दिनों की “सीमित असुविधा” की बात कर रहे हैं, तो क्या समझा जाए कि आपके वादानुसार 50 दिनों बाद सबके खातों में 15-15 लाख आ जाएँगे? आप देश को भरोसा दिजीए कि जनता को 2 माह पूर्ण असुविधा देने और काले धन की उगाही के बाद सबके खाते में 15 लाख रु आयेंगे। अगर ये सब करने के बाद भी लोगों को 15 लाख नही मिले तो इसका मतलब होगा कि यह “फर्जिकल स्ट्राइक” था। और इसके साथ ही आम जनता का “फेक-एनकाउंटर” भी।
क्या सरकार 50 दिन के बाद आंकड़ा सावर्जनिक करेगी कि खातों में पैसे होने के बावजूद कितने लोग खाने व ईलाज के अभाव और सदमे में मारे गए?
क्या मोदी बताएँगे की लोगों के लंबी लाइनों में खड़े रहने की वजह से देश को कितने अरबों Man hours एवं प्रोडक्शन का नुकसान हुआ?
मोदी बताये कि अगर करप्शन और काला धन समाप्त करना चाहते है तो 2000₹ का नोट क्यों बनाया? आपकी इस मंशा पर देश को शंका है।
मोदी बताये कितने पूंजीपतियों का कितना लाख करोड़ बैंकों पर बकाया है और उसकी उगाही के लिए सरकार क्या कठोर कदम उठा रही है? देश जानना चाहता है। आम आदमी को परेशान करने से पहले ये बताओ बैंकों का लाखो करोड़ डकारने वाले “डिफॉल्टर्स” पर क्या कार्रवाई कर रहे है? कहीं ये उनको बचाने का नाटक तो नही।
“डिफॉल्टर पूंजीपति पाँच सितारों में
आम आदमी कतारों में
आप विदेशी नजारों में।।”
इस ‘अभाव के कुँए’ में देश को धकेलते समय आपने कहा कि कुछ दिन की बात है,फिर जेटली जी 15 दिन बोल गए और अब 50 दिन? निम्न वर्ग जूझ रहा है।
नाटकीय भाषणों से आमजनता को ना सांत्वना मिलेगी और ना दुःखों का अंत होगा।स्थिति विस्फोटक हो रही है। लोग परेशान और बेहाल है और आप भाषण पर भाषण पेल रहे है।